एक तरफ जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निवेशकों को हर संभव मदद पहुंचाने की बात करते हैं, वहीं, दूसरी तरफ किशनगंज में चाय फैक्ट्रियों को बिजली नहीं मिलने से इसका सीधा असर टी प्रोसेसिंग प्लांट पर हो रहा है। चाय फैक्ट्रियों के साथ-साथ चाय बागान के मालिकों पर भी इसका असर पड़ रहा है। चाय फैक्ट्री के मालिक इमरान आलम बताते हैं कि बिजली की आपूर्ति बाधित होने से फैक्ट्री मालिकों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री चलाने के लिये कम से कम छह घंटे बिजली चाहिये, लेकिन, पिछले कुछ दिनों से विभाग वो भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
बताते चलें कि किशनगंज में पिछले कुछ दिनों से बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। इसको लेकर बुधवार को किशनगंज शहर के होटल दफ्तरी पैलेस में ‘बिहार टी प्रोसेसर एसोसिएशन’ की बैठक आयोजित की गई, जिसमें टी प्रोसेसिंग यूनिट के मालिकों ने बिजली विभाग से विद्युत आपूर्ति नियमित करने के लिए ठोस पहल करने की मांग की। आपको बता दें कि किशनगंज बिहार का इकलौता ज़िला है, जहां चाय की खेती होती है। किशनगंज में चाय की खेती के जनक माने जाने वाले उद्योगपति राजकरण दफ्तरी बताते हैं कि किशनगंज जिले का चाय उद्योग बिहार में सबसे ज़्यादा रोज़गार देने वाला उद्योग है, लेकिन, बिजली की लचर व्यवस्था से यह उद्योग जूझ रहा है।
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बिजली की आपूर्त बाधित होने से जिले के ठाकुरगंज और पोठिया प्रखंड में लगभग एक दर्जन फैक्टरी बंद पड़ी है। चाय बागान के मालिकों को पश्चिम बंगाल की फैक्ट्रियों में चाय की पत्तियों को कम दाम में बेचना पड़ रहा है। चाय फैक्ट्री मालिक कुमार राहुल ने बताया कि बिहार में बिजली की यही स्थिति रही तो, नए उद्योग तो स्थापित होना दूर, जो उद्योग पहले से चल रहे हैं, वो भी बंद हो जाएंगे।
इस मामले को लेकर बिजली विभाग के विद्युत अधीक्षण अभियंता केवल विकास चंद्र से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि किशनगंज में बिजली की समस्या है ही नहीं। उन्होंने कहा कि पहले जो समस्या आ रही थी, उसे दुरुस्त कर लिया गया है और पूरे जिले में बिजली आपूर्ति सुचारु रूप से हो रही है।
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