काफी जर्जर मकान के एक कमरे की छत का प्लास्टर झड़ चुका है। उसकी दरार पड़ी दीवार पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है। कमरे के नीचे दीमक मिट्टी का ढेर लगा रहा है। कोने में कुछ लकड़ी के बेंच पड़े हैं, जिन्हें दीमक ने खोखला कर दिया है। बरामदे की छत में से प्लास्टर पूरी तरह झड़ चुका है। सूरज की रोशनी एक बड़े छेद से नीचे पहुंच रही है, जहां कुछ बच्चे चटाई पर बैठकर पढ़ रहे हैं। यह कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत मधाईपुर पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर है।
स्कूल के पास रहने वाली यासमीन खातून के 3 बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की छत कभी भी टूट कर नीचे गिर सकती है। हमेशा डर बना रहता है कि बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए। बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं और बरसात के दिनों में तो बिल्कुल नहीं जाते हैं। सरकार को जल्द से जल्द नया स्कूल भवन बनाना चाहिए।
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सुब्हान अली स्थानीय ग्रामीण हैं। उनका कहना है कि इस स्कूल में बच्चे जान हथेली पर रखकर बैठते हैं और शिक्षक भी जान हथेली पर रखकर इस स्कूल में पढ़ाते हैं। उनका कहना है कि जब तक यहां नया स्कूल भवन नहीं बन जाता है, शिक्षा विभाग को चाहिए कि जल्द से जल्द इसे कहीं दूसरी जगह शिफ्ट कर दे।
मोहम्मद सिकंदर अंसारी के दो बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं। उनका कहना है कि सरकार जल्द से जल्द यहां नया स्कूल भवन बनाए, अन्यथा स्कूल बंद कर दे क्योंकि बरसात के दिनों में डर से बच्चे पढ़ने नहीं आते हैं। छत कभी भी गिर सकती है।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका बबीता रानी साह ने बताया कि इस प्राथमिक विद्यालय में 101 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन जर्जर भवन की वजह से बहुत सारे अभिभावक बच्चों को पढ़ने नहीं भेजते हैं। नए भवन के लिए कई बार प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय में आवेदन दिया जा चुका है लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।
इस मामले को लेकर जब कदवा प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजमणि महतो से फ़ोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह विद्यालय जाकर भवन का निरीक्षण करेंगे और उसके बाद जो भी जरूरी होगा, कदम उठाएंगे।
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