कटिहार जिले के बाढ़ प्रभावित कुरसेला प्रखंड में सांप काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले चार दिनों में सर्पदंश के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। शुक्रवार को भी एक व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
कुरसेला में बाढ़ का पानी घटने के बाद सांपों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। सांप के काटने के बाद अधिकांश लोग पहले ओझा-गुनी के पास झाड़-फूंक के लिए जाते हैं और जब हालत बिगड़ जाती है, तब स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं, जहां उनकी हालत गंभीर हो जाती है और कई मामलों में मौत हो जाती है।
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सांप काटने के बाद अस्पताल पहुंचने में देरी से बिगड़ रही हालत
कुरसेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उज्जवल सिंह के अनुसार, बाढ़ का पानी घटने के बाद सांप अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं और इसी कारण सर्पदंश की घटनाएं बढ़ रही हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल लाया जा रहा है, जिस कारण उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है।
डॉ. सिंह ने बताया कि सर्पदंश के एक मरीज को बचाने के लिए 24-24 एंटी वेनम इंजेक्शन तक दिए जा रहे हैं, फिर भी हालत नहीं सुधरने पर मरीजों को कटिहार सदर अस्पताल रेफर करना पड़ता है। पिछले कुछ दिनों में कुरसेला स्वास्थ्य केंद्र में 96 एंटी वेनम इंजेक्शन केवल तीन मरीजों पर खर्च किए गए हैं।
ग्रामीणों में जागरूकता की कमी से बढ़ रहीं मौतें
डॉ. उज्जवल सिंह ने कहा कि सर्पदंश के शिकार मरीजों की मौत का एक मुख्य कारण ये है कि ग्रामीण लोग सांप काटने के बाद तुरंत अस्पताल जाने की जगह पहले झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे उनका कीमती समय बर्बाद हो जाता है, जिससे उनकी हालत और बिगड़ जाती है।
उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि सांप काटने के बाद तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा जा सके और उनकी जान बचाई जा सके।
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