राज्य सरकार ने ट्रांसफर किये गये शिक्षकों को उनके नये विद्यालयों में तैनाती देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन माध्यम से कुल 1,90,226 आवेदन मिले थे, जिनमें से लगभग 1,30,000 आवेदनों पर विचार किया जा चुका है और अभी जिलास्तर पर स्कूल आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।
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स्कूल आवंटन जिला शिक्षा पदाधिकारी करेंगे। उनके पास स्थानांतरित शिक्षकों की सूची पहले से उपलब्ध है, उसी के आधार पर शिक्षकों को उनके चुने गये पंचायतों के विकल्पों के आधार पर विद्यालयों में तैनात किया जाएगा। यदि किसी शिक्षक के चयनित पंचायत में कोई विद्यालय उपलब्ध नहीं है, तो नजदीकी पंचायत के विद्यालय में नियुक्ति की जाएगी।
15 जून तक आवंटन प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य
शिक्षकों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि विद्यालय आवंटन से संबंधित समस्त प्रक्रिया 15 जून 2025 तक पूरी कर ली जाए। स्थानांतरित शिक्षकों को 23 जून से 30 जून 2025 के बीच नए विद्यालयों में योगदान करना अनिवार्य होगा। यदि कोई शिक्षक समय पर योगदान नहीं करता है तो माना जाएगा कि वह स्वेच्छा से अपनी तैनाती छोड़ रहा है।
यदि कोई शिक्षक आवंटित विद्यालय से असंतुष्ट है, तो वह जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्ट कारण बताते हुए दोबारा आवेदन दे सकता है। कोई भी शिक्षक विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया की अवहेलना नहीं कर सकता है। हर शिक्षक को चरणबद्ध तरीके से लॉगिन कर प्रक्रिया को पूरा करना होगा। किसी भी प्रकार का दबाव या सिफारिश मान्य नहीं होगी।
इन जिलों में विशेष प्राथमिकता
राज्य के शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर और मधुबनी जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात काफी असंतुलित है। इसलिए इन जिलों में स्थानांतरण के बाद विद्यालय आवंटन में विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। यदि किसी शिक्षक ने इन जिलों को विकल्प के रूप में चुना है तो उसका विद्यालय चयन शीघ्र किया जाएगा।
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