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बाँध काटकर बाढ़ को दावत दे रहा है बालू माफिया

किशनगंज से लगभग सात किलोमीटर दुरी पर स्थित है गाछपाड़ा पंचायत और इसी गांव होकर गुजरती है महानंदा और डोंक नदी। राज्य सरकार ने दोनों नदियों से ग्रामीणों की जान माल की रक्षा करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बांध का निर्माण करवाया था। लेकिन चंद पैसे की लालच में बालू माफिया इसी पंचायत के खाड़ी बस्ती के समीप बांध को काटकर अवैध तरीके से बालू ढुलाई के लिए रास्ता बना दिया है जिससे नदी किनारे बसे ग्रामीणों को डर सता रहा है की वर्ष 2017 की भांति पुन बाढ़ की स्थिति उत्पन्न ना हो।

Avatar photo Reported By Amit Singh |
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किशनगंज से लगभग सात किलोमीटर दुरी पर स्थित है गाछपाड़ा पंचायत और इसी गांव होकर गुजरती है महानंदा और डोंक नदी। राज्य सरकार ने दोनों नदियों से ग्रामीणों की जान माल की रक्षा करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बांध का निर्माण करवाया था। लेकिन चंद पैसे की लालच में बालू माफिया इसी पंचायत के खाड़ी बस्ती के समीप बांध को काटकर अवैध तरीके से बालू ढुलाई के लिए रास्ता बना दिया है जिससे नदी किनारे बसे ग्रामीणों को डर सता रहा है की वर्ष 2017 की भांति पुन बाढ़ की स्थिति उत्पन्न ना हो। ग्रामीणों के विरोध के बाबजूद बालू माफिया बांध को काटकर लगातार अवैध बालू नदी से निकाल रहे है। बालू माफियाओ का खौफ इतना की ग्रामीण उसके खिलाफ बोलने से भी डर रहे है।  

ग्रामीण कृष्णा यादव ने बताया
पहले बहुत परेशानी होता था, पानी घुस जाता था। बांध बनने के बाद परेशानी नहीं होती है। क्या कीजियेगा जमीन वाला माटी कटा रहा है और ट्रकटर वाला ले जा रहा है। जिसका जिसका जमीन है वो देता है, हमलोग कैसे मना करेंगे। मना करते है लेकिन नहीं मानते है।

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स्थानीय महिला चन्द्रा देवी बताती है
गड्ढा कर दिया, हमलोग क्या बोलेगा, हम लोग बोलते है तो नहीं बात मानता है। बोलते है मेरा सामने में घर है पानी आयेगा तो घर में घुस जायेगा ना। हमलोग बोलते है नहीं बात मानता है। गाडी सब आता है माटी उटी काटके जाता है। हमलोग बहुत ही परेशानी झेल रहे है। हमलोग का बात कोई नहीं मान रहा है। हमलोग बोलते है ना बंडल काहे बना मानुष के लिए ना, इतना आदमी मर जायेगा तो कौन सा ई करेगा। हमलोग बोलते है वो लोग नहीं मानता है। क्या करेंगे किसी का बात नहीं मानता है। पूरा गांव का आदमी बोलता है बातें नहीं मानता वो लोग।


ग्रामीण धीरेन यादव ने बताया
इनलोग ऐसे कैसे ढोता है, इनलोग कैसे कैसे आता है हमलोग तो घर में नही रहते है। अभी बाजार से आये है काम करने के बाद। बांध काटने से बहुत नुकशान है। बस्ती समूचा साफ़ हो जायेगा। कही जगह नही है, हमलोगों का। मना करते है हमलोगों का बात कोई सुनता नही है। हमलोग कितना गांववाला मना किये नहीं मानता है। बांध कटा तो हमलोगों को मरेगा। जान मारेगा और क्या करेगा। 2017 में उधर कट गया था बाँध पूरा एक दम समूचा किशनगंज में सब डूबा दिया।

उधर संबंधित विभाग के अधिकारी कुम्भकर्णी निद्रा में सोयी हुयी है। स्थानीय सांसद डॉ जावेद ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सुशासन की सरकार में माफियाओ को छुट दे रखी है। उन्होंने जिला प्रशासन से बालू माफियाओ पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं बालू माफियाओ का कहना है कि पूर्व के अंचलाधिकारी से आदेश लेकर बालू निकाला जा रहा है। जबकि बांध काटने के सवाल पर कहा कि हमलोग काटे नहीं है, ट्रकटर बांध होकर गुजरने से क्षतिग्रस्त हुयी है।

उधर मामले को लेकर जब किशनगंज अनुमंडल दंडाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि वो खुद जाकर इसकी जाँच करंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

विभागीय लापरवाही के कारण वर्ष 2017 में आये प्रलयकारी बाढ़ ने हजारों जिन्दगी उजार कर रख दी थी, लेकिन एक बार फिर से माफियाओ ने महानंदा नदी किनारे बनें बांध को काटकर पुनः बाढ़ आने का खतरा को बढ़ा दिया है.ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए की ऐसे माफियाओ को चिन्हित कर कार्रवाई करने और काटे गये बांध को मरम्मत करने की ताकि हजारो जिन्दगी उजरने से बचाया जा सकें।

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Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

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