कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड स्थित नेपरा गांव को निमौल गांव से एक गड्ढानुमा सड़क जोड़ती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब बीस वर्ष पहले इस सड़क का निर्माण हुआ था लेकिन अब सड़क के नाम पर बस मिटटी और गड्ढे बचे हैं।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत विकास कार्य के लिए कटिहार के पूर्व सांसद तारिक अनवर ने निमौल गांव का चयन किया था, लेकिन इसके बावजूद गांव की बदहाली जस की तस बनी रही।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि टूटी सड़क के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात में काफी पानी जमा होता है, जिससे वाहन की आवाजाही बंद हो जाती है। लगभग ढाई किलोमीटर लंबी यह सड़क बेहद जर्जर स्थिति में है।
ई-रिकशा चालक मोहम्मद रज़्ज़ाक बताते हैं कि सड़क खराब होने के कारण कई बार उनका रिक्शा पलट चुका है जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ। ख़राब सड़क के कारण अक्सर उन्हें सवारी नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि अगर सड़क बनती है तो रोज़गार में भी इज़ाफ़ा होगा।
स्थानीय ग्रामीण तरोणी शर्मा ने बताया कि इस सड़क को लेकर बहुत से नेताओं ने आश्वासन दिया, लेकिन जमीनी स्तर पर आज तक कुछ नहीं हुआ। इस सड़क से कई गांव के हजारों लोग आते जाते हैं। उन्होंने बताया कि 2002 में यहां सड़क बनाई गई थी लेकिन कुछ सालों के बाद हीजर्जर हो गई।
अंसरी खातून बताती हैं कि सड़क में बड़े गड्ढे होने के कारण गाड़ियां नहीं चल पाती हैं। उन्हें अनाज बेचने जाने में दिक्कतें होती हैं और उन्हें सिर पर ही अनाज रखकर 1 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक जाना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में जब किसी की शादी होती है तो बारात की गाड़ियां गांव के बाहर ही रहती हैं और दूल्हे को पैदल चलकर आना पड़ता है।
अंसरी खातून: बहुत परेशानी है। अनाज बेचने के लिए सर पर अनाज उठाकर जाना पड़ता है। गाड़ी घोड़ा तो इधर आता ही नहीं है। जब शादी होती है तो डर से कोई यहाँ गाड़ी लेकर नहीं आता। विदाई के समय दूल्हा दुल्हन को गाड़ी पर सवार कराने दूसरी बस्ती लेकर जाना पड़ता है। हमें यहां हर तरह की परेशानी है।
स्थानीय ग्रामीण रवि लाल शर्मा ने बताया कि बरसात के दिनों में सड़क पर इतना पानी होता है कि गाड़ी तो दूर पैदल भी चलना दूभर हो जाता है। चुनाव के समय नेताओं द्वारा खूब आश्वासन दिया गया लेकिन जीतने के बाद कोई वापस देखने नहीं आया।
नेपरा गांव के गुड्डू कुमार शर्मा बताते हैं कि बंगाल नजदीक होने के कारण यहां के ज्यादातर लोग बंगाल के बाजारों पर निर्भर रहते हैं और कई गांव के लोग इसी सड़क से होकर गुज़रते हैं। बरसात में दिक्कतें बढ़ जाती हैं जिसमें अनाज लेकर जाने वालों के लिए सबसे अधिक दिक्कतें पेश आती हैं।
इस विषय में हमने पथ निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर से फ़ोन पर बात की। उन्होंने बताया कि सड़क के कार्य में कुछ विभागीय प्रक्रिया बाकी है। इसका अग्रीमेंट होना है और फिर उसके बाद डीपीआर तैयार किया जाएगा। उन्होंने जल्द सारी प्रक्रिया पूरी कर सड़क निर्माण का भरोसा दिलाया है।
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