बिहार में महादलितों पर तो खूब राजनीति होती है, लेकिन महादलितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण कटिहार में देखने को मिलता है। कटिहार नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 में स्थित अंबेडकर कॉलोनी की स्थिति पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और यहां लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं।
अंबेडकर काॅलोनी का निर्माण 5 जनवरी 2000 को तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने गंदी बस्ती विकास योजनांतर्गत करवाया था। यहाँ 350 कमरों का निर्माण करवाया गया था। 20 सालों में यह कॉलोनी जर्जर हो चुकी है, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हो रही है। हालात तो यह है कि कालोनी की छत टूट टूट कर गिर रही है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
स्थानीय माहिलाएं कहती हैं कि काॅलोनी के बने 20 साल गुजर चुके हैं, और इलाके की आबादी बढ़ जाने से लोग बाथरूम को अब कमरे के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं। वहीं शौचालय नहीं होने से लोग अभी भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं, जिससे लोगों में स्थानीय प्रतिनिधियों के खिलाफ काफी आक्रोश है।
बिहार में इन दिनों नगर निकाय चुनाव चल रहे हैं और दूसरे चरण में 28 दिसंबर को कटिहार नगर निगम के 45 वार्ड पार्षद सहित मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिए मतदान होना है। वार्ड नंबर 25 में स्थित अंबेडकर कालोनी के लोग आस लगाए हुए हैं कि इस बार जो प्रतिनिधि चुनकर आएंगे वो उनकी कालोनी का विकास करेंगे। इसी उम्मीद में लोग इस बार भी मतदान करने की तैयारी में हैं। हालांकि सांसद विधायक से इन्हें अब तक निराशा ही हाथ लगी है।
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