कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 4 जून को शेयर मार्केट के बुरी तरह से गिरने पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है। राहुल गांधी ने कहा कि यह सबसे बड़ स्कैम है और इस घोटाले की जांच पार्लियामेंट की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से होनी चाहिये।
राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने स्टॉक मार्केट बढ़ने की बात कही, लेकिन, सब ने देखा कि 4 जून को बाज़ार बुरी तरह से गिरा और करीब 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। राहुल गांधी ने इसे भारतीय स्टॉक मार्केट के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया।
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“पहली बार हमने नोट किया कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री, होम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर ने स्टॉक मार्केट पर टिप्पणी दी। प्रधानमंत्री ने तीन-चार बार देश से कहा कि स्टॉक मार्केट तेज़ी से आगे बढ़ने जा रहा है। होम मिनिस्टर ने सीधा कहा कि 4 जून को स्टॉक मार्केट आसमान छूएगा, इसलिये लोगों को ख़रीदना चाहिये और यही मैसेज फाइनेंस मिनिस्टर ने दिया,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “1 जून को मीडिया झूठे एग्ज़िट पोल रिलीज़ करती है। बीजेपी का इंटरनल सर्वे था, वो उनको 220 सीट दे रहा था। ये इनफॉर्मेशन बीजेपी के लीडर के पास थी। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भी सरकार को बताया था कि 200-220 के बीच उनकी सीट आ रही है। 3 जून को स्टॉक मार्केट सारे रिकॉर्ड तोड़ देता है और 4 जून को खटाक से स्टॉक मार्केट अंडरग्राउंड चला जाता है।”
उन्होंने कहा कि इस गिरावट के कारण 5 करोड़ से अधिक परिवार, जोकि शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उन्होंने लाखों करोड़ रुपए का नुकसान झेला है। उनका आरोप है कि छोटे भारतीय रिटेल निवेशकों की कीमत पर किसी ने यहां लाखों करोड़ रुपए बनाए हैं, इसलिये एग्जिट पोल और शेयर मार्केट के बीच संबंधों की जांच भी जेपीसी द्वारा की जानी चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि इस पूरे मामले में वे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, विदेशी निवेशकों और एग्जिट पोल करने वालों पर जांच चाहते हैं।
“31 मई को हज़ारों करोड़ रुपये इंवेस्ट हुआ। विदेशी इन्वेस्टर्स ने इन्वेस्ट किये हैं। उसके बाद 4 जून को तीस लाख करोड़ रुपये का नुक़सान होता है। किसका नुक़सान होता है? रिटेल इन्वेस्टर्स का नुक़सान होता है। यह जो आप देख रहे हैं हिन्दुस्तान के स्टॉक मार्केट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम (घोटाला) है,” उन्होंने कहा।
राहुल गांधी ने आगे कहा, “सरकार के पास सूचना थी कि 4 जून को क्या होने वाला है। जब स्वयं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री ऐसी बातें करते हैं तो लोग निवेश करते हैं। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है, जिसमें छोटे निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपए चले गए। अब विपक्ष की ताकत संसद के भीतर पहले से कहीं ज्यादा है। विपक्ष इस मुद्दे पर संसद के भीतर अपनी बात रखेगा और सरकार पर जेपीसी जांच के लिए दबाव बनाया जाएगा।”
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