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पुष्पम प्रिया का बड़ा एलान – ‘बिहार का खोंयछा’ के बदले देंगी 8 लाख सरकारी, 80 लाख प्राईवेट नौकरियां

बिहार चुनावों को लेकर पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट करते हुए घोषणा करके यह बताया है कि वो अगर बिहार में सरकार बनाएंगी तो आने वाले 10 सालों में वे बिहार में क्या परिवर्तन करेंगी

Reported By Sahul Pandey |
Published On :
pushpam priya choudhary termed independent candidate in bankipur seat

[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार चुनावों को लेकर पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट करते हुए घोषणा करके यह बताया है कि वो अगर बिहार में सरकार बनाएंगी तो आने वाले 10 सालों में वे बिहार में क्या परिवर्तन करेंगी।


प्रिया ने ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपनी एक तस्वीर लगाई है। जिसमें वो खोंयछा लेते हुए दिख रही हैं। उन्होंने #ChooseProgress #बिहारकाखोंयछा के साथ पोस्ट करते हुए लिखा है कि जाति-धर्म का नहीं ‘बिहार का खोंयछा’ का समीकरण – 2030 तक 1 मुठ्ठी चावल के बदले 150 मिलियन टन फ़ूडग्रेन, 1 टुकड़ा कपड़ा के बदले 100 टेक्सटाईल पार्क, और 1 आशीर्वादी सिक्का के बदले 2025 तक हर साल 8 लाख सरकारी नौकरी और 80 लाख प्राईवेट जॉब, न्यूनतम वेतन 26000 तय। एक दशक 2020-30 में 200% की अभूतपूर्व आर्थिक विकास दर!

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जानकारी के लिए आपको बता दें कि पुष्पम अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन दिनों बिहार का खोंयछा अभियान चला रही हैं। जिसमें उनके उम्मीदवारों का गांव की महिलाएं खोइचा भरते हुए दिख रही हैं। इस खेइचा अभियान का अपना एक मकसद और उदेश्य है। यह अभियान फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर #ChooseProgress #बिहारकाखोंयछा से ट्रेड भी कर रहा है। वहीं पुष्पम ने इसे लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने इस पूरे अभियान के बारे में बताया है।


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इसमें बताया गया हैं कि खोंयछा में तीन चीजें ली जा रही हैं। पहला एक कपड़ा जो बिहार में बिहार में अद्यौगिक क्रांति को दर्शाता है, दूसरी चीज है एक मुट्ठी चावल जो बिहार में ​कृषि क्रांति के उद्देश्य से लिया जा रहा है और तीसरी चीज है एक रुपये का सिक्का जो बिहार में इकोनॉमी बूस्ट को दिखाता है। यह वो चीजें हैं जो पीपीसी की लेस्ट ओपेन बिहार मुहिम के मुख्य उद्देश्य हैं।

इस अभियान को लेकर पुष्पम ने बताते हुए अपने फेसबुक पर लिखा था — “बिहार का खोंयछा” अभियान की शुरुआत हो चुकी है। हर ज़िले, हर ब्लॉक, हर पंचायत, हर गाँव-शहर प्लुरल्स के कार्यकर्ता हर जाति-धर्म वाले परिवार और टोले-मुहल्ले के घर-घर जा रहे और एक कपड़े के टुकड़े में एक मुट्ठी चावल और एक सिक्के का बिहार का खोंयछा प्राप्त कर रहे ताकि बिहार के भविष्य के लिए यह खोंयछा कृषि क्रांति (चावल), औद्योगिक क्रांति (कपड़ा) और करोड़ों रोज़गार (सिक्का) को जन्म दे सके। कुल 108 लाख खोंयछा मुझे लाकर दें ताकि बिहार का क़र्ज़ मेरे रोम-रोम में बस जाए और मैं उसकी लाज और उसका सम्मान नए बिहार में रख सकूँ, आप सभी को दुनियाँ में श्रेष्ठ बना कर, खुश देखकर, आपका आशीर्वाद पाकर। #ChooseProgress #बिहारकाखोंयछा

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उम्मीदवारों का धर्म बताया बिहारी

इससे पहले पुष्पम प्रिया अपने उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर चर्चा में रहीं थी। इस लिस्ट में उन्होंने 40 विधानसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम सामने रखे हैं। वहीं प्लूरल्स के 31 अन्य सीटों को लेकर फिलहाल के लिए फैसला सुरक्षित रखा है। इस लिस्ट को लेकर चर्चा भी जोरों पर है। पीपीसी के बातों पर अगर यकिन करें तो ये सारे उम्मीदवार एक बने बनाए प्रोसेस के जरिए चुने गए है और ये सभी ऐसे चयनित उम्मीदवार हैं जो बिहार के लिए कुछ करने की चाह रखते हैं।

लेकिन इससे इत्तर यह लिस्ट एक और अलग कारण से चर्चा में है। कारण है इस लिस्ट के दो कॉलम जिसमें जाति और और धर्म लिखा जाता है। इसमें पुष्पम प्रिया की टीम की ओर से कुछ अलग ही लिखा हुआ है और इसी कारण ये लिस्ट चर्चा में है। इस लिस्ट में जाति के कॉलम में उम्मीदवार के प्रोफेशन के बारे में लिखा गया है यानी की यह बताया गया है कि उम्मीदवार प्रोफेसर है या पूर्व सैनिक है या सोशल एक्टीविस्ट है। वहीं धर्म के कॉलम में आपको हिन्दू या मुस्लिम नहीं बल्कि बिहारी लिखा हुआ है।

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