बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लगने पर अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा है। नियमावली को लेकर STET पास अभ्यर्थियों ने राजद कार्यलय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों के अनुसार नई नियमावली एक काला कानून है।
नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि यह बहाली उन्हें फंसाने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2019 में वे STET पास करके आए हैं, तो फिर दोबारा परीक्षा क्यों देंगे? “हमलोग चार साल से नौकरी की आस में बैठे हुए हैं। सरकार ने हमलोगों को ठगा है इसलिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
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राजद कार्यलय के बाहर हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने नई नियमावली को वापस लेने की अपील की है।
शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी अभिषेक झा ने कहा, “क्या हमलोग जिंदगी भर परीक्षा ही देते रहें?” उन्होंने नई नियमवाली को काला फरमान बताया और कहा कि नई नियमावली नौकरी नहीं देने वाली नियमावली है। इसके विरोध में कल पूरे पटना में पुरजोर प्रदर्शन किया जायेगा।
नई नियमवाली को लेकर अलग अलग प्रतिक्रिया
नई शिक्षक नियुक्ति नियमवाली पर भाजपा नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी आपत्ति जताई है। सुशील मोदी ने ट्वीट किया, “नीतीश और तेजस्वी यादव की सरकार ने लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ भद्दा मजाक किया है। नीतीश सरकार ने अभ्यर्थियों को ठगा है। 2019 में STET पास अभ्यर्थियों को तुरंत नियुक्ति पत्र देना चाहिए।” सीएम को घेरते हुए उन्होंने कहा कि क्या विद्यालयों में पुराने वेतनमान वाले, नियोजित शिक्षक और नई नियमावली के तहत बहाल शिक्षक यानी तीन तरह के शिक्षक होंगे?
दूसरी ओर, रोहतास की शिक्षक अभ्यर्थी सुप्रिया प्रीतम ने नई नियमावली पर सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने गाना गाकर नीतीश कुमार की तारीफ की है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द विज्ञप्ति निकालने का अनुरोध किया है ताकि शिक्षक अभ्यर्थी रोड से बोर्ड पर पहुंच सके।
नियमावली का क्यों है विरोध
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 पर मुहर लगाई गई। नई नियुक्ति नियमवाली के पास होते ही शिक्षक अभ्यर्थियों के एक पक्ष ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। दरअसल, नियमवाली के अनुसार शिक्षक बहाली के लिए सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। STET और CTET पास अभ्यर्थियों को भी परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना होगा। अभ्यर्थियों ने इसी नियम को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अभ्यर्थियों का तर्क है कि सरकार पहले ही STET-19 के माध्यम से परीक्षा ले चुकी है और मेरिट लिस्ट भी निकल चुका है फिर दोबारा परीक्षा आयोजित करना पूरी तरह अनुचित है।
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