2024 लोकसभा चुनाव से पहले एकजुटता दिखाने के लिए पहली बार महागठबंधन के सभी नेता 25 फरवरी को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में एक मंच पर नजर आएंगे।
इस महारैली को सफल बनाने के लिए महागठबंधन के नेता सारी ताकत झोंक दी हैं। इसी को लेकर किशनगंज के चुड़ीपट्टी स्थित अंजुमन इस्लामिया कम्युनिटी हॉल में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने किशनगंज के महागठबंधन के नेताओं के साथ एक बैठक की। लेकिन, महागठबंधन में शामिल राजद के तीन विधायकों में से एक भी विधायक नजर नहीं आए।
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बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उमेश कुशवाहा ने पत्रकारों को बताया कि पूर्णिया में आयोजित महारैली में भाजपा की सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में उखाड़ फेंकने के लिए पूरे देश की जनता संकल्प लेगी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। उनकी गलत नीतियों के कारण देश मे महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने हिन्दू राष्ट्र के सवाल पर कहा कि भाजपा ने देश में अघोषित रूप से आपातकाल लागू कर रखा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता राष्ट्र के लिए खतरा है। साथ ही उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर तंज कसते हुए कहा, “उनके बारे में मेरे अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जितना बोलना था, बोल दिए हैं। अब उनका चेप्टर क्लोज हो चुका है। अब आगे इंतजार कीजिये, पार्टी उनपर जरूर कार्रवाई करेगी।”
वहीं, इस बैठक में शामिल कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आज़ाद ने कहा कि सीमांचल के नेता एकजुट हो जाएं, तो भाजपा का सीमांचल में खाता तक नहीं खुलेगा। लेकिन, उन्होंने नीतीश कुमार को पीएम मेटेरियल मानने के सवाल पर पल्ला झाड़ लिया और कहा कि वह चुनाव के बाद तय होगा कि कौन पीएम होगा।
वहीं, जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने कहा कि किशनगंज अल्पसंख्यक बाहुल्य जिला है और इस महारैली को सफल बनाने के लिए अल्पसंख्यकों की भागीदारी सबसे ज्यादा होगी। उन्होंने बताया कि भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के नेता एकजुट होकर, 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल पूर्णिया के रंगभूमि मैदान से फूंकेंगे।
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