एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जल जीवन हरियाली नामक प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ भारत नेपाल सीमा पर स्थित किशनगंज ज़िले में लकड़ी तस्कर गैंग की एंट्री से यहाँ के जंगलों पर खतरा मंडरा रहा है।
ठाकुरगंज प्रखंड के सुखानी थाना क्षेत्र के कादोंगांव में हरे भरे जंगलों से रात के अंधेरे में तस्कर अवैध तरीके से बेशकीमती लाल सखुआ वृक्ष उड़ा रहे। लाखों की कीमत वाली बेशकीमती सखुआ लकड़ी योजनाबद्ध तरीके से चोर जंगलों से काटकर चुरा ले जा रहे। जबकि थोड़ी ही दूरी पर इंडो नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी के जवान और पुलिस चौकी स्थित हैं।
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वन अफसर क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों की कटाई को रोकने में अभी तक असफल रहे हैं। क्षेत्र के पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि जंगलों से पेड़ों की कटाई एक दिन में तो नहीं हुई होगी, ऐसे में विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। उन्होंने कहा कि लकड़ी तस्कर, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन से साठगांठ कर वनों से लकड़ियों को काटकर मालामाल हो रहे हैं। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं, ठाकुरगंज अंचलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद छापेमारी कर गांव के सपन नन्दी और इकरामुल के घर से चोरी की लकड़ियां बरामद हुई हैं। आगे दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि चोरी की लकड़ियों को बरामद करने के लिए छापेमारी जारी है।
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