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जन सुराज ने बिना सहमति के जिला कार्यवाहक समिति में डाले नेताओं के नाम

लॉन्चिंग से पहले जिलावार पार्टी की कार्यवाहक समिति की घोषणा की जा रही है। प्रत्येक ज़िले की लिस्ट में सैकड़ों नाम शामिल हैं। लेकिन, लिस्ट में मौजूद कई नेता दूसरी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं या उनसे जन सुराज ने किसी तरह सहमति नहीं ली है या न ही उन्हें इसकी सूचना दी है।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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prashant kishore's jan suraaj put names of leaders in the district committee without consent

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आने वाले 2 अक्टूबर को अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज लॉंच करने जा रहे हैं। कभी दूसरे नेताओं को चुनाव जिताने का बीड़ा उठाने वाले देश के जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार किशोर अब खुद राजनीति में कूदेंगे। हालांकि, वह अक्टूबर 2022 से ही बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं।


प्रदेश में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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लॉन्चिंग से पहले जिलावार पार्टी की कार्यवाहक समिति की घोषणा की जा रही है। प्रत्येक ज़िले की लिस्ट में सैकड़ों नाम शामिल हैं। लेकिन, लिस्ट में मौजूद कई नेता दूसरी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं या उनसे जन सुराज ने किसी तरह सहमति नहीं ली है या न ही उन्हें इसकी सूचना दी है।


जदयू, राजद, कांग्रेस के पदाधिकारियों के नाम

किशनगंज जिले की जन सुराज जिला कार्यवाहक समिति की सूची में जिला सचिवों में मो. ज़ैद अज़ीज़ का नाम शामिल है। ज़ैद दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत तुलसिया पंचायत के मुखिया हैं। 20 अगस्त, 2024 को जन सुराज की ये सूची जारी हुई, तब ज़ैद जदयू के जिला उपाध्यक्ष थे। फिलहाल जदयू जिला कमिटी भंग कर दी गई है।

ज़ैद कहते हैं, “हमें बिना जानकारी दिए जन सुराज में जिला सचिव बना दिया गया। उनके लोग हमसे मिले थे, लेकिन हम न जन सुराज से जुड़े हैं, न ही जुड़ने में इंटरेस्टेड हैं।”

सूची में नाम आने के बाद ज़ैद ने जन सुराज के ज़िम्मेदार लोगों से बात की, लेकिन उनका नाम अब भी लिस्ट में है।

Zaid with JDU leaders Master Mujahid and Naushad Alam
जदयू के नेता मास्टर मुजाहिद और नौशाद आलम के साथ ज़ैद

 

पूर्व में जन सुराज अभियान से जुड़े रहे एक सूत्र के अनुसार, हर जिले में पंचायत स्तर तक सक्रिय नेताओं को जोड़ने की कोशिश होती है। ऐसे नेता अक्सर किसी पार्टी से जुड़े ही होते हैं। इन नेताओं से मिलने के बाद उनकी प्रोफ़ाइलिंग की जाती है तथा उनका एक्सेल शीट तैयार कर ऊपर भेज दिया जाता है। ऊपर के लोग बिना जाँच किये और बिना उन नेताओं से सहमति लिए ही उनका नाम लिस्ट में डाल देते हैं। यही वजह है कि कई जगहों पर प्रशांत किशोर की पदयात्रा के बाद कार्यकारिणी समिति को भंग करना पड़ा।

कई मामले ऐसे भी हैं जिनमें नेता ने जन सुराज की किसी सभा अथवा बैठक में शामिल भी नहीं हुए मगर उनका नाम सूची में जोड़ लिया गया। विनोद के साथ यही हुआ है।

अररिया ज़िले के पलासी के रहने वाले विनोद विक्टर ऋषिदेव, राजद युवा के जिला प्रधान महासचिव हैं। करीब एक दशक से राजद से जुड़े विक्टर धर्मगंज पंचायत समिति सदस्य अरुणिमा देवी के प्रतिनिधि हैं। बिना किसी बात या मुलाक़ात किये अररिया जिले की जन सुराज जिला कार्यवाहक समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों की विस्तृत सूची में विक्टर का नाम डाल दिया गया है।

“मेरा जन सुराज से किसी प्रकार का संपर्क नहीं है, मेरे से एक बार पूछा भी नहीं है। लगता है किसी के कहने पर नाम जोड़ दिया है। हमसे न कभी फ़ोन पर बात की, न ही हम कभी उनके किसी प्रोग्राम में गए”, विक्टर ने ‘मैं मीडिया’ से कहा।

विक्टर आगे कहते हैं, “हमने अपनी पार्टी में बात पहुंचा दी है, राजद उनपर कार्रवाई करेगा।”

rjd youth leader vinod victor rishidev
राजद युवा के जिला प्रधान महासचिव विनोद विक्टर ऋषिदेव

 

इसी तरह कटिहार जिला कार्यवाहक समिति में मो. मोजीबुर रहमान का नाम शामिल है। रहमान जदयू के अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष हैं। रहमान कहते हैं, “जन सुराज एक एजेंसी है, पार्टी नहीं। ये लोग खासकर मुसलमानों को टारगेट कर रहे हैं ताकि वो क्षेत्रीय दलों से निकलें।”

रहमान आगे कहते हैं, “मेरा नाम भी लिस्ट में सही से नहीं लिख पाया है, बेईमानी भी उनसे ईमानदारी से नहीं हुई।”

जन सुराज की वेबसाइट के अनुसार उनके संगठन में 1 करोड़ सदस्य और 12 लाख पदाधिकारी हैं। साथ ही 20,000 युवा क्लब्स, 5000 से ज़्यादा जन सुराज वाहिनी और 1 लाख से अधिक डिजिटल योद्धा हैं।

कटिहार की लिस्ट में युवा कांग्रेस के नेता मो. इज़हार अली का नाम भी शामिल है। इज़हार और उनकी पत्नी कटिहार नगर निगम के क्रमशः वार्ड नंबर 23 और 24 से पार्षद हैं। इज़हार कहते हैं, “हम कांग्रेस में हैं, जन सुराज वाला बार-बार बोला, लेकिन हम मना कर दिए। बिना सहमति के नाम डाल दिया है। एक बार प्रशांत किशोर से मिलने बुलाया था। हमलोग सिर्फ उनसे मिले थे। उसके बाद उनलोगों ने जोड़ने का खूब प्रयास किया, लेकिन हमने मना कर दिया। मैंने उनके किसी कंसेंट फॉर्म में हस्ताक्षर नहीं किया है, न ही हामी भरा है।”

“पार्टी बनने के बाद एक-दो चुनाव उनको देखेंगे पहले, भागेगा कि भाजपा को मदद करेगा”, यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष इज़हार आगे कहते हैं।

‘भाजपा से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं’

सीतामढ़ी ज़िले के चरौत प्रखंड के रहने वाले विश्वनाथ मिश्रा पिछले 38 सालों से भाजपा से जुड़े हैं। सुरसंड विधानसभा क्षेत्र से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व जिला परिषद सदस्य विश्वनाथ कहते हैं, “हम कभी जन सुराज से नहीं जुड़े हैं। हमने न कोई सहमति दी है, न ही उनके किसी कागज़ पर हस्ताक्षर किये हैं। मैं 1986 से ही भाजपा से जुड़ा हूँ।”

लगातार तीन बार भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के किशनगंज जिला संयोजक रहे राजेश करनानी ने करीब साल भर पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अब भी खुद को ‘भाजपा समर्थक’ बताते हैं। हमने जब उनसे जन सुराज जिला कार्यवाहक समिति में शामिल होने के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “फिलहाल मैं भाजपा का समर्थक हूँ। उस लिस्ट में नाम मेरी सहमति के बिना ही डाला गया है। यहाँ तक कि सूची में मेरे पिता का नाम भी गलत लिखा है। मेरे पिता जी का नाम स्वर्गीय सत्यनारायण करनानी है, जबकि लिस्ट में मुक्तिनाथ शाह लिखा है।”

किशनगंज ज़िले की ठाकुरगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद श्री कृष्ण सिंह उर्फ़ सिकंदर पटेल का नाम किशनगंज जिला कार्यवाहक समिति में है। सिकंदर कहते हैं, “मैं जन सुराज से जुड़ा हूँ, लेकिन मैंने किसी पद या समिति में शामिल करने से मना किया था, क्योंकि मेरे पास समय नहीं है।”

vishwanath mishra's poster shared on social media on the occasion of janmashtami
जन्माष्टमी के मौके सोशल मीडिया पर साझा किया गया विश्वनाथ मिश्रा का पोस्टर

लिस्ट में नाम है पर जानकारी नहीं

कटिहार जिले की जन सुराज जिला कार्यवाहक समिति की लिस्ट में मोहम्मद मोअज़्ज़म हुसैन का नाम है। मोअज़्ज़म बारसोई प्रखंड अंतर्गत इमादपुर पंचायत के मुखिया हैं और इन दिनों बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। शुरुआती दिनों में वो जन सुराज के अभियान से जुड़े थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर द्वारा भाजपा के पक्ष में दिए गये बयान से आहत हो गए और खुद को अभियान से अलग कर लिया।

“जब लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने बोला कि मोदी जी बहुत मजबूती से आ रहे हैं, तबसे से हमने उनसे दूरी बना ली है और उनको मना भी कर दिया है। मैंने उन्हें बोल दिया है हम आपके संगठन में नहीं हैं,” मोअज़्ज़म कहते हैं।

जब हमने जिला कार्यवाहक समिति में उनका नाम मौजूद होने के बारे में बताया वह चौंक गये और कहा कि हम उन्हें लिख कर देंगे और नाम हटवाएंगे।

ज्ञात हो, बीते लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि बीजेपी 2019 की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन करेगी। मगर, चुनाव के परिणाम आने के बाद उनकी भविष्वाणी गलत साबित हुई। भाजपा को 2014 लोकसभा चुनाव में 282, 2019 में 303 सीटें हासिल हुई थीं, लेकिन इस बार पार्टी बहुमत के आकड़े 272 से नीचे 240 पर आ गई।

चुनाव परिणाम आने के बाद प्रशांत किशोर को जनता व मीडिया के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। साथ ही उन्हें भाजपा विरोधी मतदाताओं के बीच भाजपा समर्थक की तरह देखा जाने लगा। लोग ये मानने लगे कि प्रशांत लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे।

जन सुराज अभियान से जुड़े एक सूत्र ने हमें बताया कि लोकसभा परिणाम के बाद उन्हें मुस्लिम नेताओं को समझाने में परेशानी आ रही है।

प्रशांत की भविष्वाणी के अलावा इसी साल मई में अररिया में दिए उनके एक बयान ने भी मुस्लिम नेताओं को अभियान से दूर किया है। उन्होंने सीमांचल में एक सवाल के जवाब में कहा था, “मुसलमान जुड़ना चाहता है जुड़े, न जुड़ना चाहे तो भी कोई बात नहीं।”

कटिहार ज़िले के ही आजमनगर प्रखंड अंतर्गत आलमपुर पंचायत की मुखिया गजाला प्रवीण के पति मोहम्मद इजहार आलम का नाम भी लिस्ट में शामिल है, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

“हमको जानकारी नहीं है। लोग मिलने आते हैं, बातचीत होती है, लकिन हम जुड़े नहीं हैं,” इजहार ने ‘मैं मीडिया’ से बताया।

कटिहार के आजमनगर प्रखंड में एक निजी स्कूल चलाने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी जावेद आलम और उनकी पत्नी तहसीन फातिमा का नाम भी ऐसे ही उनकी सहमति के बिना जिला कार्यवाहक समिति की सूची में डाल दिया गया है।

क्या कहता है जन सुराज?

जन सुराज के किशनगंज जिलाध्यक्ष प्रोफेसर मुसव्विर आलम से पूछने पर उन्होंने माना कि लिस्ट कई ऐसे नाम हैं जिनके बारे में वो खुद जानते हैं कि वो दूसरी पार्टी से जुड़े हैं।

“जिनका नाम सूची है उन्होंने निश्चित रूप से सदस्य्ता ली होगी। प्रशांत जी की टीम ने घर-घर घूम कर ऐसे लोगों को सदस्य बनाया है। जल्द ही हम एक रिव्यू मीटिंग करेंगे और एक नंबर जारी कर देंगे ताकि जिनको जिला कार्यवाहक समिति में नहीं रहना है, वो बता दें। इसमें कोई दिक्कत नहीं है, ऐसे लोगों को हटा दिया जाएगा,” मुसव्विर कहते हैं।

वहीं, जन सुराज के प्रवक्ता सैयद मसीउद्दीन कहते हैं, “बिना सहमति के ये मुमकिन ही नहीं कि सूची में किसी का नाम हो। हमारे यहाँ नीचे से जो नाम आता है, तीन-चार बार लोग उनके पास जाते हैं। ये बिल्कुल मुमकिन ही नहीं है की बिना सहमति के किसी का नाम हो।”

हमने इस खबर के लिए जितने लोगों से बात की है उनमें से सिर्फ एक मो. ज़ैद अज़ीज़ ने कहा कि शायद उनसे कोई फॉर्म भरवाया गया था।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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