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बिहार भू-सर्वे के बीच कैथी में लिखे दस्तावेजों को लेकर लोग परेशान

जो कुछ मुट्ठीभर लोग कैथी जानते भी हैं, वे कैथी लिपि में लिखे दस्तावेज पढ़ने के लिए मोटी रकम की डिमांड कर रहे हैं।

Reported By Umesh Kumar Ray |
Published On :
people worried about documents written in kaithi during bihar land survey

दामोदर यादव पिछले एक महीने से परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह लगभग 100 साल पुराना एक दस्तावेज है जिसका अनुवाद नहीं करा पा रहे हैं।


उन्होंने उक्त दस्तावेज का अनुवाद कराने की बहुत कोशिश की, मगर सभी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं।

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दामोदर यादव को इस दस्तावेज का अनुवाद कराने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि बिहार सरकार ने जमीन सर्वेक्षण व बंदोबस्त कार्यक्रम शुरू किया है। यह कवायद लगभग 100 साल बाद हो रही है। इससे पहले साल 1900 में राज्य में भू-सर्वेक्षण हुआ था। इसके बाद 1977 में रिविजनल सर्वे हुआ, लेकिन अधूरा ही रह गया।


अब जब नये सिरे से जमीन का सर्वेक्षण हो रहा है, तो दामोदर यादव जैसे लाखों लोगों को जमीन के पुराने दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं। मगर ये दस्तावेज कैथी लिपि में है, जिसके विशेषज्ञों की भारी कमी है।

जो कुछ मुट्ठीभर लोग कैथी जानते भी हैं, वे कैथी लिपि में लिखे दस्तावेज पढ़ने के लिए मोटी रकम की डिमांड कर रहे हैं।

दरअसल, आजादी से पहले कैथी, बिहार में एक प्रचलित लिपि रही और खास-ओ-आम लोगों ने कामकाज में इस लिपि का व्यापक इस्तेमाल किया। लोगों ने निजी डायरी, संस्मरण आदि कैथी लिपि में लिखे। जमीन के दस्तावेज भी कैथी लिपि में ही लिखे गये। कैथी लिपि इतनी प्रचलित थी कि आजादी के डेढ़ दशक बाद तक जमीन से जुड़े कागजात इसी लिपि में लिखे गये। यही वजह है कि जमीन सर्वेक्षण को लेकर कैथी लिपि की भूमिका बढ़ गई है।

इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार अलग अलग जिलों में कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है। लेकिन, दो-तीन दिनों के कार्यक्रमों में कैथी लिपि में पारंगत हुआ जा सकता है, इसमें संदेह है।

इन सबके बीच, लोग कैथी लिपि सीखने की कोशिश भी कर रहे हैं ताकि वे अपनी जमीन के कागजात खुद पढ़कर भू-सर्वेक्षण करा सकें।

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Umesh Kumar Ray started journalism from Kolkata and later came to Patna via Delhi. He received a fellowship from National Foundation for India in 2019 to study the effects of climate change in the Sundarbans. He has bylines in Down To Earth, Newslaundry, The Wire, The Quint, Caravan, Newsclick, Outlook Magazine, Gaon Connection, Madhyamam, BOOMLive, India Spend, EPW etc.

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