Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

गड्ढों में गुम विकास को तलाशते पश्चिम बंगाल के इस गांव के लोग

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर ज़िले के ग्वालपोखर विधानसभा क्षेत्र स्थित नियामतपुर गांव की सड़क वर्षों से जर्जर है। पांजीपाड़ा पंचायत में आने वाले इस गांव की सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे राज्य में विकास के दावों की पोल खोलते हैं।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
people of this village in west bengal are looking for development lost in the potholes

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर ज़िले के ग्वालपोखर विधानसभा क्षेत्र स्थित नियामतपुर गांव की सड़क वर्षों से जर्जर है। पांजीपाड़ा पंचायत में आने वाले इस गांव की सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे राज्य में विकास के दावों की पोल खोलते हैं।


स्थानीय लोगों के अनुसार, 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान सड़क की मरम्मत हुई थी, लेकिन कुछ ही महीनों में सड़क फिर गड्ढों से भर गई। नियामतपुर सहित आस पास के गांव के हज़ारों ग्रामीण पांजीपाड़ा, इस्लामपुर, मजलिसपुर या किशनगंज जाने के लिए इसी रास्ते पर निर्भर हैं।

Also Read Story

डायन बता पांच लोगों को ज़िंदा जलाने वाला पूर्णिया का गांव अंधविश्वास के दलदल से कब निकल पाएगा?

हिरासत में मौतों का केंद्र अररिया! फिर एक मौत, उठने लगे सवाल

बहादुरगंज का ‘साइको पुलिसवाला’, क्रूरता के कई मामले आये सामने

बिहार में नदी कटाव के साए ज़िंदगियाँ और जगती उम्मीदें

सहरसा में कोसी से सटे दर्जनों गांवों पर मंडराया बाढ़-कटाव का खतरा

बिहार-पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर जर्जर सड़क से परेशान कई गाँव के लोग

‘4 घंटे PMCH में भटके, ऑक्सीजन के लिए पैसा मांगा’ – मृत दलित रेप पीड़िता के परिजन

अररिया में लगातार बढ़ रही मुस्लिम-महादलित कैदियों की हिरासत में मौत

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि खराब सड़क के कारण आए दिन हादसे होते हैं। कुछ दिन पहले एक बाइक सवार युवक की गड्ढे में गिरने से मौत हो गई थी।


पांजीपाड़ा के कॉलोनी मोड़ को मजलिसपुर आदि से जोड़ने वाली यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुँचने का मुख्य रास्ता है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क की हालत काफ़ी जर्जर हो चुकी है।

बरसात के समय रास्ते में जलजमाव से हालात और खराब हो जाते हैं ऐसे में अस्पताल या स्कूल जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के कई घरों में जल निकासी की समस्या है, जिसके लिए कई बार पंचायत से शिकायत की गई लेकिन कोई काम नहीं हुआ।

इस मामले में हमने पांजीपाड़ा पंचायत के प्रधान उबैदुल्लाह शम्स से बात की। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण कार्य उनके अधीन नहीं है, हालांकि इसके लिए उन्होंने प्रयास किए हैं और मामला प्रक्रिया में है।

गांव में जल निकासी को लेकर उन्होंने कहा कि नियामतपुर में ऐसी कोई समस्या नहीं है। अगर किसी एक घर में निकासी की दिक्कत है तो वह घर वाले की निजी समस्या है, इसमें सरकारी स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

किशनगंज ईदगाह विवाद: किसने फैलाई बिहार बनाम बंगाल की अफवाह?

दशकों के इंतज़ार के बाद बन रही रोड, अब अनियमितता से परेशान ग्रामीण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

डायन बता पांच लोगों को ज़िंदा जलाने वाला पूर्णिया का गांव अंधविश्वास के दलदल से कब निकल पाएगा?

हिरासत में मौतों का केंद्र अररिया! फिर एक मौत, उठने लगे सवाल

बहादुरगंज का ‘साइको पुलिसवाला’, क्रूरता के कई मामले आये सामने

बिहार में नदी कटाव के साए ज़िंदगियाँ और जगती उम्मीदें

सहरसा में कोसी से सटे दर्जनों गांवों पर मंडराया बाढ़-कटाव का खतरा