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अररिया: राशन कार्ड के लिए सालों से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे इस गांव के लोग

ग़रीब तबके से ताल्लुक रखने वाले ये परिवार राशन कार्ड न होने से परेशान हैं। गांव वासियों का कहना है कि करीब 2 साल पहले आवेदन पत्र देने के बाद अब तक उन्हें राशन कार्ड नहीं दिया गया है।

Sita Kumari Reported By Sita Kumari |
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत देश के सबसे गरीब या निचले मध्यम वर्ग से आने वाले परिवारों को राशन कार्ड देकर सस्ते अनाज देने का प्रावधान है, लेकिन अररिया जिले के सिकटी प्रखंड स्थित ठेंगापुर पंचायत के तीराखरदाह गांव के वार्ड संख्या 1 के अधिकतर परिवार इस योजना से वंचित हैं।

ग़रीब तबके से ताल्लुक रखने वाले ये परिवार राशन कार्ड न होने से परेशान हैं। गांव वासियों का कहना है कि करीब 2 साल पहले आवेदन पत्र देने के बाद अब तक उन्हें राशन कार्ड नहीं दिया गया है। राशन कार्ड के अलावा कई परिवारों को उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिल सका है।

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कीराखरदा गांव निवासी सरिता देवी एक ग्रहणी हैं। उनके परिवार में 6 लोग हैं, पति दूसरे राज्य में मज़दूरी करते हैं। सरिता ने बताया कि पिछले 2-3 सालों से राशन कार्ड बनवाने के लिए भागदौड़ करना पड़ रहा है लेकिन अब तक अधिकारियों ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। वे बस कहते हैं कि आपका काम हो जाएगा लेकिन कुछ हो नहीं पाता।


माला देवी के पति भी बाहर मज़दूरी करते हैं। वह कहती हैं कि उन्हें राशन कार्ड के साथ साथ इंदिरा आवास के तहत घर और उज्जवला योजना के तहत गैस भी नहीं मिला है‌। ख़ासकर राशन कार्ड न होने से बच्चों के पालन पोषण में कई तरह की कठिनाइयां आती हैं। माला देवी की तरह गांव की कई महिलाएं लगातार बढ़ रही अनाज की कीमतों से परेशान हैं।

तीराखरदाह गांव वार्ड संख्या 1 के वार्ड सदस्य प्रतिनिधि भूपेंद्र वरदा ने कहा कि गांव के कुछ लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए पंचायत गए थे लेकिन उनसे 1500 रुपए मांगे गये तो वे लोग वापस आ गए। भूपेंद्र ने आगे बताया कि उन्होंने सिकटी प्रखंड के दफ्तर सहीत कई अन्य विभाग में भी जाकर प्रयास किया लेकिन गांव निवासियों के कागज़ात दराज़ में रख कर अधिकारियों ने अब तक इस मामले में कोई पहल नहीं की।

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सीता कुमारी अररिया जिला की रहनी वाली है। दस सालों से ज़्यादा समय से अलग अल;अलग संस्थानों के साथ जुड़ कर समाज के विभिन्न मुद्दों को उठाते रही हैं।

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