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अररिया शहर के रिहायशी इलाके में डंपिंग ग्राउंड से लोग परेशान

अररिया नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 में हरियाली मार्केट कहलाने वाली यह जगह डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो चुकी है। हनुमान मंदिर के पास स्थित हरियाली मार्केट पर शहर के अधिकतर हिस्सों से लाए गए कचरों को फेंका जाता है।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
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dumping ground near hariyali market in araria

अररिया नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 में हरियाली मार्केट कहलाने वाली यह जगह डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो चुकी है। हनुमान मंदिर के पास स्थित हरियाली मार्केट पर शहर के अधिकतर हिस्सों से लाए गए कचरों को फेंका जाता है। आस पास के लोग इस कचरे से आने वाली दुर्गन्ध से बेहद परेशान हैं। इस डंपिंग ग्राउंड से शहर के तीन वार्ड सटे हुए हैं। वार्ड संख्या 23, 24 और 28 में रहने वाले हज़ारों लोग कचरे के इस ढेर से प्रभावित हैं।


स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम के समय कूड़े में आग लगा दिया जाता है जिससे निकलने वाले धुंए से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आती है। चूँकि यह डंपिंग ग्राउंड शहर के मुख्य बाजार, हाट, मारवाड़ी पट्टी, और भगत टोला जैसे मोहल्लों के नज़दीक है इस लिए यहाँ से गुजरने वाले लोगों की संख्या काफी होती है।

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वार्ड संख्या 28 के निवासी मनोज कुमार कहते हैं कि इन कचरों के कारण लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। कई बार मौखिक और लिखित शिकायत देने के बावजूद नगर परिषद की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई है।


स्थानीय सामाजिक कार्यकर्त्ता ज्योति भगत का कहना है कि कचरों के इस ढेर से तीन वार्डों में बसने वाली एक बड़ी आबादी बुरी तरह से प्रभावित है। कचरों से आने वाले धुंए और मच्छरों से ख़ासकर बुज़ुर्ग लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है। उन्होंने विभाग से जल्द कार्रवाई की मांग की और कहा कि‌ कार्रवाई न होने पर स्थानीय लोग इस के विरुद्ध आंदोलन छेड़ देंगे।

ज्योति ने आगे कहा कि विभाग को इस डंपिंग ग्राउंड की सफाई कर अतिक्रमण हटाओ अभियान में बेघर होने वाले ग़रीब लोगों को यहाँ बसा देना चाहिए।

बताया जाता है कि हरियाली मार्केट फुटकर दुकानदारों के लिए बनाया गया था। बाद में इसे नगर परिषद् ने डंपिंग ग्राउंड बना दिया। उस समय कहा गया था कि गीले कचरे को वर्मी कम्पोस्ट में बदला जाएगा लेकिन अब तक ऐसी किसी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं हुई है। फिलहाल कचरों के डेढ़ को बोरों में बंद कर टिन के शेड के नीचे रख दिया गया है। ज़मीन पर फैले कचरों के ढेर में मवेशी भी कचरा खाने चले आते है जो उनके लिए भी काफी हानिकारक साबित हो सकता है।

बाजार से दूर अररिया कोर्ट के करीब वार्ड नंबर 7 में एक कचरा केंद्र बनाया गया था लेकिन फ़िलहाल उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्थानीय किशोर राज गुरु कुमार ने कहा कि कचरे की गाड़ियां अक्सर कूड़ों को रास्ते में ही गिरा देती है जिससे रिहाइशी इलाकों के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हरियाली मार्केट के आस पास के इलाकों की महिलायें भी कचरा बढ़ने से काफी परेशान हैं।

इस मामले में नगर परिषद कार्यपालक अधिकारी भावेश कुमार ने कहा कि हरियाली मैदान में गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाने का केंद्र बनाया गया था, लेकिन फंड न मिलने के कारण वहां मशीनें नहीं लगाईं जा सकी हैं। क्योंकि नगर परिषद् के पास और कोई ज़मीन नहीं है इसलिए वहां कचरों को जमा किया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि पूरे बिहार में 32 जगहों पर क्लस्टर बनाये जा रहे हैं, जहाँ कचरों को प्रोसेस किया जाएगा। उनके अनुसार, यह काम विभाग के स्तर पर होना है। इसमें नगर परिषद के स्तर से कार्य करने का निर्देश नहीं है।

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अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

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