दैनिक जागरण ने पिछले महीने ‘सीमांचल का सच’ नाम से तीन खबरों की एक शृंखला छापी थी। इनमें सीमांचल में मुस्लिम आबादी के बढ़ने और हिन्दू परिवारों के पलायन करने का दावा किया गया था। पहली खबर में किशनगंज के दिघलबैंक और कटिहार के बरारी प्रखंड के कई गांवों में बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ने और हिन्दू परिवारों के गांव छोड़ने का दावा किया गया था। ‘मैं मीडिया’ ने उन तमाम गांवों और कस्बों का दौरा किया, जहां दैनिक जागरण के अनुसार अवैध बांग्लादेशी देशी नागरिकों की घुसपैठ हो रही थी और हिन्दू परिवार अपना घर-बार छोड़ने पर मजबूर हो रहे थे।
ग्राउंड जीरो पर जाकर ‘मैं मीडिया’ ने ग्रामीणों से बात की और जो सच सामने निकल कर आया, वह हैरतअंगेज़ था। दैनिक जागरण के दावों को स्थानीय लोगों ने सिरे से खारिज कर दिया था। मैं मीडिया की पड़ताल में दैनिक जागरण की खबर में लिखे गए कई गांव और पंचायत के नाम ग़लत और फ़र्ज़ी निकले। ‘मैं मीडिया’ की पड़ताल वाली इस खबर को सीमांचल के हज़ारों लोगों ने देखा और पढ़ा।
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मैं मीडिया की पड़ताल के बाद दैनिक जागरण के खिलाफ लोगों में गुस्सा दिख रहा है। किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड के अलता हाट इलाके में कुछ लोगों ने दैनिक जागरण अखबार को जलाकर इसका बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया।
अखबार जलाने वालों में किशनगंज की कमलपुर पंचायत के मंसूरा गांव निवासी और खुद को समाजसेवी बताने वाले अफ़्फ़ान यज़दानी ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि वह और कुछ और युवकों ने अलता हाट में दैनिक जागरण की झूठी रिपोर्ट के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन किया।
उन्होंने दैनिक जागरण अखबार जलाने का कारण बताते हुए कहा, ‘दैनिक जागरण ने जो खबर छापी है और जिसका खुलासा मैं मीडिया ने किया है, उस खबर से पता चलता है कि दैनिक जागरण ने नफरती और फेक न्यूज़ रिपोर्ट की है। घुसपैठी और पलायन की झूठी खबर के अलावा सीमांचल के बच्चों के बारे में लिखा गया कि यह बच्चे स्कूल मिड डे मील खाने जाते हैं और पढ़ाई मदरसा में करते हैं। यह नफरती और फेक न्यूज़ है। इसमें छुपा हुआ एक संदेश है जो साफ़ समझ आ रहा है।”
“यह ऐसा इलाक़ा है, जहां कभी दंगे नहीं हुए, जहां कभी हिन्दू मुसलमान के बीच नफरत नहीं हुई। कभी दो समुदायों में तनाव नहीं हुआ। दैनिक जागरण ने एक नापाक कोशिश की है इसलिए हमने एक सांकेतिक विरोध के तौर पर पेपर को जलाया,” उन्होंने कहा।
अफ़्फ़ान यजदानी ने आगे बताया कि वह किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं और उनके साथ अखबार जलाने वाले युवा भी किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि सीमांचल की आवाम अमनपसंद है और यह इलाक़ा गंगा जमना तहज़ीब की मिसाल है।
“मैं तमाम उन लोगों से अपील करता हूँ जो आपसी सौहार्द और शान्ति को समझते है़ और उसको सुरक्षित रखना चाहते हैं कि इस तरह ख़बरों और ऐसे विचारों के खिलाफ लोकतान्त्रिक तरीके से आवाज़ उठाइये, जो दो समुदायों के बीच तकरार पैदा करने की कोशिश करे,” अफ़्फ़ान कहते हैं।
किशनगंज के शहरी इलाके में भी दैनिक जागरण की खबर से आक्रोशित लोगों ने अखबार जलाकर अपना विरोध जताया। शेख मोहम्मद साबिर नामक एक युवा ने कहा, “मैं ‘मैं मीडिया’ का शुक्रगुज़ार हूँ कि ‘मैं मीडिया’ ने वहां जाकर लोगों से बात कर सच को सामने लाने का काम किया। यह तो साफ़ ज़ाहिर है कि ऐसा जान बूझ कर सीमांचल में आपसी सौहार्द को बिगाड़ने के लिए किया गया है। एक राष्ट्रीय अखबार को ऐसा नहीं होना चाहिए। हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि ऐसे झूठ फैलाने वाले रिपोर्टर और अखबार वालों पर कार्रवाई हो।”
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