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बिन बिजली सुविधाओं के चल रही पैरामेडिकल की पढ़ाई

बिजली विभाग और जीएमसीएच पूर्णिया के सीनियर अधिकारियों की काग़ज़ी औपचारिकताओं के पेंच में क्लास रूम, ऑफिस और अन्य कमरों की बिजली सुविधाएं फंस कर रह गई हैं।

Novinar Mukesh Reported By Novinar Mukesh | Purnea |
Published On :
Paramedical college in GMCH Purnea
Photo Credit :नोविनार मुकेश

सीमांचल के इकलौते सरकारी मेडिकल कॉलेज राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच), पूर्णिया में बीते जुलाई से बिना विद्युत आपूर्ति के पैरामेडिकल पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।


बिजली विभाग और जीएमसीएच पूर्णिया के सीनियर अधिकारियों की काग़ज़ी औपचारिकताओं के पेंच में क्लास रूम, ऑफिस और अन्य कमरों की बिजली सुविधाएं फंस कर रह गई हैं। विद्युत कनेक्शन के लिए जीएमसीएच पूर्णिया और उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) के बीच पत्राचार का सिलसिला जारी है। लेकिन, कक्षाएं शुरू हो जाने के चार महीने बाद भी पैरामेडिकल के लिए अधिकृत भवन को विद्युत आधारित सुविधाएं नसीब नहीं हुई हैं। आईसीटी, ई-लाइब्रेरी, बल्ब, पंखे, लिफ्ट, शुद्ध पेयजल, अग्नि रोधक उपकरण जैसी सुविधाओं से पैरा-मेडिकल के प्रशिक्षु, शिक्षक, कर्मचारी आदि विभिन्न हितधारकों पहले सेमेस्टर के चार महीने बीत जाने के बाद भी वंचित रहने को विवश हैं।

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आधुनिक सुविधा युक्त निर्माण की कोशिश में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल परिसर के अंदर पैरा-मेडिकल संस्थान का अकादमिक भवन, पुरूष व महिला प्रशिक्षुओं के रहने के लिए साजो-सज्जा युक्त छात्रावास की व्यवस्था की गयी है। प्रशिक्षुओं के खाने के लिए छात्रावास के अंदर ही कुर्सी व मेज लगे भोजनालय की सुविधा है।


अकादमिक भवन में ऊपरी तल्ले तक पहुंचने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था है। आगजनी की संभावित जोखिम को ध्यान में रखते हुए फायर अलार्म कंट्रोल पैनल यंत्र स्थापित किए गए हैं। प्यासे की जरूरत पूरी करने के लिए प्यूरीफायर तक लगाया जा चुका है।

हालांकि, ये सब एक अदद विद्युत कनेक्शन के बिना महज शोभा की वस्तु बन कर रह गए हैं। जरूरतमंद इनके होने का एहसास कर सकते हैं, उन्हें देख सकते हैं, पर उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

विद्युत आपूर्ति की फौरी व्यवस्था

फिलहाल, पैरामेडिकल के नजदीकी ट्रांसफॉर्मर से संस्थान के कार्यालय, क्लासरूम जैसे कुछ स्थानों के विद्युत तार को जोड़ दिया गया है। इससे अस्थाई तौर पर गिनती के जरूरी बल्ब और पंखे चलाए जा रहे हैं। इस जुगाड़ से पैरामेडिकल के लिए अधिकृत भवनों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

Open wire electric supply in Paramedical College in GMCH Purnea

हालांकि, विद्युत प्रवाह की बाट जोहती साफ पेयजल की नई मशीन बिना इस्तेमाल ही अपने अधिकतम मूल्य ह्रास की ओर बढ़ती जा रही है। लिफ्ट गलियारा वीरान है। कभी-कभी इसका इस्तेमाल अस्थायी तौर पर सामान रखने के लिए कर लिया जाता है।

संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कक्षा शुरू हो चुकी है। लेकिन, क्लासरूम में प्रोजेक्टर चल पाता है न वाई-फाई। पुस्तकें ऑनलाइन पढ़ने की व्यवस्था नहीं है। करीब दो सप्ताह पहले उन्होंने छात्रावास के पीछे पसरे कूड़ों के अंबार से लगातार आती दुर्गंध का जिक्र किया था, मगर इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। दरअसल, छात्रावास में चिन्हित भोजन-कक्ष के पीछे ही कूड़ा बिखरा दिखाई पड़ा, जो आवारा पशुओं जैसे सूअरों और कुत्तों का आरामगाह बन चुका है।

एनबीपीडीसीएल, पूर्णिया अंचल के एसडीओ रोहित कौशिक ने बताया कि वहां अभी कनेक्शन नहीं हो पाया है। “इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर का एक दस्तावेज़ वांछित है। सिविल सर्जन कार्यालय से भी दस्तावेज़ की मांग की गयी है। इस संबंध में करीब एक महीने पहले पत्राचार किया गया। दस्तावेज प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर बिजली कनेक्शन मुहैया करा दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।

प्रशासन ने कहा- चल रही विभागीय प्रक्रिया

पैरामेडिकल संस्थान के प्राचार्य डॉ. डी. के यादव ने बताया कि राजकीय चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल, पूर्णिया में पैरामेडिकल की पढ़ाई शुरू हुए करीब चार महीने बीत चुके हैं। विद्युत सेवाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विभागीय प्रक्रिया चल रही है।

पैरामेडिकल संस्थान की भवन और आधारभूत संरचना की स्थापना, रखरखाव व विकास से जुड़े जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।

Paramedical College Purnea

अकर्मण्यता, सार्वजनिक धन के अविवेकपूर्ण इस्तेमाल, संस्थान के सद्भावपूर्ण विकास से मुंह मोड़ने का यह न्यू नॉर्मल है, जिसकी बानगी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल के पैरा-मेडिकल संस्थान में विद्युत कनेक्शन के मामले में देखी जा सकती है।

इस बाबत पूछे जाने पर डॉ. इफ़्तेख़ार अहमद ने कहा कि हमने संस्थान के प्राचार्य से बात की है। “प्राचार्य ने कहा है कि विद्युत कनेक्शन से जुड़े सारे दस्तावेज बिजली विभाग को सौंप दिए गए हैं। हमें भी जल्द विधिवत ट्रांसफार्मर से विद्युत कनेक्शन मिल जाने की उम्मीद है,” उन्होंने कहा।

“हमारा अब कोई वास्ता नहीं”

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. शाबिर ने बिजली कनेक्शन न होने के मुद्दे पर दो टूक कहा कि पैरामेडिकल संस्थान की बिल्डिंग प्राचार्य को हैंड-ओवर की जा चुकी है। बिल्डिंग से हमारा कोई वास्ता नहीं है।

गौरतलब हो कि करीब साल भर पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित ऑनलाइन बैठक में पूर्णिया सदर अस्पताल को आधारभूत संरचना और जरूरी संसाधनों के साथ राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पूर्णिया में समाहित करने की स्वीकृति दी गयी थी। जीएमसीएच, पूर्णिया में अकादमिक सत्र शुरू हो चुका है। लगभग 24.08 एकड़ के परिसर में निर्मित पैरामेडिकल प्रशिक्षुओं के छात्रावास के पीछे अक्सर गंदगी का अंबार लगा रहता है। छात्रावास से जुड़ी निकास-नालियां कचरे के कारण जाम हो चुकी है। जहाँ-तहाँ आवारा पशुओं का झुंड सोते-घूमते देखा जा सकता है।

Boys' Hostel Paramedical College in Purnea

नव-निर्मित ऊंचे भवनों की साजो-सज्जा व आधुनिक उपकरणों के लिए सरकार द्वारा आवंटित सार्वजनिक धन मुहैया करा दिए जाने के बावजूद एक अदद विद्युत कनेक्शन मुहैया न करा पाना मामले से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों की लोकहित से जुड़े कार्यों के लिए आवश्यक समन्वय कौशल और लोक सेवा के लिए जरूरी प्रतिबद्धता के अभाव की बानगी है।

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मधेपुरा में जन्मे नोविनार मुकेश ने दिल्ली से अपने पत्रकारीय करियर की शुरूआत की। उन्होंने दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर , एडीआर, सेहतज्ञान डॉट कॉम जैसी अनेक प्रकाशन के लिए काम किया। फिलहाल, वकालत के पेशे से जुड़े हैं, पूर्णिया और आस पास के ज़िलों की ख़बरों पर विशेष नज़र रखते हैं।

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