बिहार के किशनगंज जिले के कैरी बीरपुर गांव में फिरदौस आलम के घर पर सन्नाटा है। बरामदे में उसके पिता जमालुद्दीन गुमसुम बैठे हैं। उनके पास कहने से बहुत बातें नहीं हैं। मुश्किल से दो-तीन मिनटों में वे अपनी बातें खत्म कर देते हैं। जमालुद्दीन के घर से करीब 1500 किलोमीटर दूर हरियाणा के पानीपत के फ्लौरा चौक सेक्टर – 29 में रिजवान के घर की भी हालत कमोबेश ऐसी ही है। रिजवान की बेटी बेसुध है, कुछ खाती पीती भी नहीं।
24 मई की शाम पानीपत में किशनगंज के कैरी बीरपुर गांव निवासी फिरदौस आलम की हत्या ने दो परिवारों की खुशियां छीन ली है।
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24 वर्षीय फिरदौस 24 मई की शाम अपनी ससुराल गया था। ससुराल से लौटते वक्त करीब 8.30 बजे अपने एक दोस्त शाहनवाज के साथ वह फ्लौरा चौक के नजदीक से गुजर रहा था। उसने मुस्लिम पहचान बताने वाली टोपी पहन रखी थी। तभी एक स्थानीय व्यक्ति नरेंद्र उर्फ सुसु लाला ने उसकी टोपी छीन कर खुद पहन ली। सुसु कॉलोनी में ही परचून की एक दुकान चलाता है। फिरदौस ने जब टोपी वापस मांगी, तो सुसु ने टोपी नीचे फेंक दी। फिरदौस ने टोपी फेंकने पर जैसे ही नाराजगी जाहिर की, सुसु ने गुस्से में कहा कि उसकी हिम्मत कैसे हुई ऐसा कहने की और फिर उसने डंडे से फिरदौस पर हमला कर दिया। उसे लहुलूहान हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां अगले दिन सुबह उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद ही पानीपत में उसे दफना दिया गया।
फिरदौस, मो. जमालुद्दीन को पांच बेटों में तीसरा था और उसने मैट्रिक तक पढ़ाई की थी। वह पिछले ढाई तीन साल से पानीपत में सिलाई का काम करता था। जमालुद्दीन के दो अन्य बेटे भी पानीपत में ही सिलाई का काम करते हैं। फिरदैस ने 6-7 महीने पहले ही शादी की थी।
ढाई तीन साल पहले पानीपत जाने के बाद वह घर नहीं लौटा था। लेकिन, आखिरी बार 21 मई को अपने पिता से फोन बात करते हुए उसने बकरीद के बाद कम से कम दो हफ्ते के लिए अपनी पत्नी के साथ गांव आने का वादा किया था। ढाई-तीन साल से बेटे का इंतजार कर रहे जमालुद्दीन इससे खुश थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह अपने बेटे को कभी भी देख नहीं पायेंगे।
पुलिस इस घटना को हत्या की एक सामान्य घटना मान रही है और फिरदौस के भाई के आवेदन के आधार पर दर्ज एफआईआर में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) लगाई है। लेकिन चूंकि टोपी फिरदौस की धार्मिक पहचान थी, जिसे उसके सिर से उतार कर नीचे फेंक दिया गया था, तो ये हेट क्राइम का मामला भी है।
‘मैं मीडिया’ ने जब स्थानीय थाने के एसएचओ सुभाष चंदर से बात की, तो उन्होंने इसे हेट क्राइम की घटना मानने से इनकार कर दिया और कहा कि उसकी टोपी छीन कर उसने खुद पहन ली, तो ये टोपी का सम्मान ही हुआ न!
फिरदौस के गाँव के ही रहने वाले पूर्व कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम इस केस का लगातार अपडेट ले रहे हैं, उनका कहना है कि उसकी हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने टोपी पहनी हुई थी।
इस मामले में कानून के जानकारों का भी कहना है कि ये हेट क्राइम का मामला है।
इस घटना के आरोपी सुसु लाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय थाने से मिली जानकारी के अनुसार, सुसु लाला के ख़िलाफ़ अवैध शराब तस्करी का मामला भी दर्ज़ है। क्षेत्र में उसकी पहचान एक दबंग की है। इस पूरी घटना ने पानीपत में रह रहे सीमांचल के मुस्लिम नौजवानों में डर भर दिया है क्योंकि आरोपी के परिचितों की तरफ से इस केस को लेकर सक्रियता दिखाने वाले लोगों को धमकियां मिल रही हैं। उन्हें कहा जा रहा है कि सुसु तो आज या कल छूट जाएगा, लेकिन इसके बाद वे लोग उन्हें देख लेंगे।
फिरदौस के पिता ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से मांग की है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि दूसरे युवकों के साथ ऐसी घटना न हो।
मुजाहिद आलम का कहना है कि दोषी के खिलाफ यूएपीए की धारा लगनी चाहिए ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने बिहार और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने और दोषी को कड़ी सजा दिलाने तथा मृतक की पत्नी को मुआवजा देने की अपील की है।
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