पिछले साल कटिहार के बारसोई गोलीकांड में जिन व्यक्तियों की मौत हुई थी, उनके परिजन आज भी इंसाफ के लिये दर-दर भटक रहे हैं। एक साल गुज़रने के बाद भी इस मामले में पुलिस द्वारा कोई भी गिरफ़्तारी नहीं की गई है। गोली किसने चलाई थी, इस सवाल का जवाब भी पुलिस के पास नहीं है। जिन दो लोगों की मौत हुई थी, उनके परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं मिली है। गोलीकांड में मरने वाले सोनू साह के पिता मानिकचंद साह बताते हैं कि एक साल गुज़रने के बाद भी उनलोगों को प्रशासन की तरफ़ से कोई मुआवज़ा नहीं मिला।
आपको बताते चलें कि पिछले साल 26 जुलाई को कटिहार के बारसोई में लोगों ने बिजली की अनियमित सप्लाई को लेकर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ गये और फायरिंग में दो व्यक्ति सोनू साह व मो. ख़ुर्शीद की मौत हो गई थी। साथ ही एक व्यक्ति मोहम्मद नियाज घायल हो गया था, जिसका सिलीगुड़ी में इलाज कराया गया था। नियाज़ के भाई शाहनवाज़ बताते हैं कि उनके इलाज में 20 लाख रुपये ख़र्च हो गये, लेकिन, प्रशासन की तरफ से कुछ भी सहयोग नहीं मिला। इतने ख़र्चीले इलाज के बावजूद इस हादसे में नियाज़ को एक आंख गंवानी पड़ी, क्योंकि गोली उनकी कनपटी पर लगी थी। साथ ही इस हादसे की वजह से वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहे हैं।
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बारसोई गोलीकांड में मरने वाले मो. ख़ुर्शीद के भाई ख़ालिद भी बताते हैं कि एक साल गुज़रने के बाद भी उनलोगों को मुआवज़ा नहीं मिल पाया है। मृतकों के परिजन जनप्रतिनिधि के नामों की लिस्ट गिनाते हुए कहते हैं कि नेताओं ने मुआवज़े का आश्वासन दिया था, लेकिन, कोई मुआवज़ा नहीं दिला पाया।
बारसोई में रहने वालों के लिये यह गोलीकांड एक पहेली बनकर रह गई है। इस केस में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। परिजनों का कहना है कि ज़िला प्रशासन वीडियो फुटेज दिखाकर लोगों को गुमराह कर रहा है। एक साल गुज़रने के बाद भी इंसाफ़ नहीं मिलने से पीड़ित परिवार ख़ासा नाराज़ हैं और इस केस में सीबीआई इंक्वायरी की मांग कर रहे हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों ने इंसाफ़ की गुहार लगाई है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस ने मृतकों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज कर दिया था। साथ ही अनियमित बिजली के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। बारसोई प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष और इमादपुर पंचायत के मुखिया मुअज़्ज़म हुसैन बताते हैं कि प्रशासन ने उनलोगों के ख़िलाफ़ झूठा मुक़दमा दायर किया था। ज़िला परिषद सदस्य गुलज़ार आलम ने इस गोलीकांड को पुलिस द्वारा की गई हत्या बताया और ज़िला प्रशासन को इसका ज़िम्मेदार ठहराया।
मामले को लेकर बारसोई अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि केस का सुपरविजन सदर डीएसपी ने किया है, चूंकि इस केस के इंवेस्टिगेटिव ऑफिसर वहीं हैं, इसलिए केस की सारी जानकारी उन्हीं से मिल पाएगी। सदर डीएसपी को फ़ोन करने पर उन्होंने कहा वो अभी यहां नए हैं, इसलिये उनके पास ज़्यादा जानकारी नहीं है। वहीं, जब हमने कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार से इस केस का अपडेट जानना चाहा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि “गड़ा हुआ मुर्दा क्यों उखाड़ रहे हैं?”
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