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BPSC TRE-2 में बहाल बिहार से बाहर के डेढ़ दर्जन शिक्षकों की गई नौकरी, CTET-STET में नहीं थे उत्तीर्ण

सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, राज्य के मूल निवासी ही बिहार अधिनियम-3, 1992 के तहत राज्य में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। राज्य के बाहर के निवासी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ के लिये दावा नहीं कर सकते हैं।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
1526

बिहार शिक्षा विभाग ने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) में निर्धारित उत्तीर्णांक प्राप्त नहीं करने वाले 18 शिक्षकों को नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया है। पूर्णिया ज़िला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने गुरुवार को आदेश जारी कर ज़िले में कार्यरत इन शिक्षकों का नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया है।


इन शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दूसरे चरण में हुई थी। ये सभी शिक्षक बिहार से बाहर के हैं और पूर्णिया जिला अन्तर्गत विभिन्न स्कूलों में कार्यरत थीं। इनमें से 13 शिक्षक उत्तर प्रदेश, तीन झारखंड और एक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।

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दरअसल, इन शिक्षकों को CTET या STET परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त है। इस संबंध में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र जारी कर बताया था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में बहाल बिहार से बाहर की वे सभी शिक्षक जिनका CTET या STET में 60% से कम अंक प्राप्त है, उनकी भर्ती रद्द होगी। उसी को ध्यान में रखकर इन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है।


बताते चलें कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व सामान्य कोटि के उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में पांच प्रतिशत की छूट दी है। इन कोटियों के अभ्यर्थियों के लिये न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया था।

लेकिन, विभाग का मानना है कि राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के उत्तीर्णांक में 5 प्रतिशत की छूट नहीं मिलेगी और किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार के निवासियों को ही मिलेगा।

सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, राज्य के मूल निवासी ही बिहार अधिनियम-3, 1992 के तहत राज्य में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। राज्य के बाहर के निवासी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ के लिये दावा नहीं कर सकते हैं। चूँकि ये शिक्षक राज्य के बाहर के निवासी हैं और सामान्य श्रेणी के तहत आते हैं, इसलिए उन्हें पांच प्रतिशत की छूट नहीं मिलेगी।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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