इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर हैं और बिहार के अलग-अलग ज़िलों में जा रहे हैं। इसी के तहत 10 फरवरी को नीतीश कुमार पूर्णिया ज़िले के धमदाहा प्रखंड की विशनपुर पंचायत आने वाले थे, लेकिन आखिरी वक़्त पर प्रोग्राम कसबा प्रखंड में शिफ्ट कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कसबा प्रखंड की सबदलपुर पंचायत अंतर्गत ढोलबज्जा गाँव का दौरा किया। इधर, धमदाहा प्रखंड में सारी तैयारियां धरी की धरी रह गयीं। दुल्हन की तरह सजा पंचायत भवन, चमचमाता स्वास्थ्य उपकेंद्र, रंग रोगन किया हुआ ग्रामीण हाट परिसर, रंगीन चापाकल, साफ़ सुथरा सार्वजनिक शौचालय, घर-घर में दूकान खोल कर बैठी जीविका दीदियां, सब मुख्यमंत्री में इंतज़ार में बैठे रहे, लेकिन सीएम नहीं आए।
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टेम्पू चालक मिंटू मंडल एक दर्जन सवारी लेकर करीब चार किलोमीटर दूर से मुख्यमंत्री के दर्शन के लिए आए हैं। पंचायत भवन के सामने खेत में बने हेलीपैड के आस पास टहलते हुए अब अफ़सोस कर रहे हैं।
भाजपा समर्थक संतोष कुमार मोदी मिंटू के टेम्पू से यहां आए, उन्हें पता चला कि किसी प्रदर्शन की वजह से धमदाहा में तय कार्यक्रम रद्द हो गया।
बनमखी के रहने वाले वन्देलाल ने कभी मुख्यमंत्री को देखा नहीं है, रोज़गार मांगने की आस में दोस्तों के साथ धमदाहा आ गए, लेकिन निराशा हाथ लगी।
बिशनपुर गाँव के अंदर जाने पर एक ही सड़क पर जीविका दीदियों की कई दुकानें नज़र आती हैं। इनमें किराना, कपड़ा से लेकर श्रृंगार की दुकानें शामिल हैं। पूछने पर पता चला कि यहाँ जीविका दीदियाँ काफी खुश हैं, इनका कारोबार भी बेहतरीन चल रहा है। लेकिन, विशनपुर के पास के ही एक गाँव है सिघाड़ापट्टी, जहाँ मुख्यमंत्री के आने की योजना नहीं थी। यहाँ की जीविका दीदी दायरानी देवी की किराना दुकान करीब डेढ़ साल से बंद पड़ी है। विधवा दायरानी बड़ी मुश्किल से परिवार का भरण पोषण करती हैं।
बिशनपुर निवासी रंजो देवी के पति लाल बहादुर कुमार ऋषि बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही कुछ अधिकारी आए थे। उन्होंने गाँव की करीब आधा दर्जन जीविका दीदियाँ को दो दिन पहले एक-एक लाख रुपए फाइनेंस कर दिया।
लाल बहादुर कुमार ऋषि बताते हैं कि मुख्यमंत्री के स्वागत में गाँव के ट्यूबवेल से लेकर सार्वजनिक शौचालय सब पेंट कर दिये गये। यहाँ तक किग्रामीण अंजू देवी के खुद से लगाए गए ट्यूबवेल को भी पेंट करवा दिया गया।
दूसरी तरफ, सिघाड़ापट्टी के लोग जान हथेली पर लेकर गाँव में रह रहे हैं। आरोप है कि पुराने बिजली के तार से हमेशा खतरा बना रहता है। कहीं कहीं सूखे बांस के खम्भों के सहारे तार लटक रहे हैं। इसी को लेकर गांववालों ने मुख्यमंत्री के दौरे से एक दिन पहले सड़क जाम किया था। माना जा रहा है कि इसके बाद ही मुख्यमंत्री का धमदाहा का दौरा रद्द कर दिया गया।
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