बिहार के किशनगंज ज़िले में आदिवासी समुदाय से आने वाले एक नाइट गार्ड की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मामला ज़िले के क़ुर्लिकोट थाना क्षेत्र के मालबस्ति का है। वहां जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट कैंप में मनोज किस्कू नाइट गार्ड के रूप में काम कर रहे थे। शनिवार रात रोलर से धक्का लगने से उनकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद आदिवासी समाज के लोगों ने कंपनी में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और कंपनी की गाड़ियां को आग के हवाले कर अररिया-सिलीगुड़ी मुख्य पथ पर आगजनी कर घण्टों हंगामा किया।
मृतक के परिजनों ने मनोज किस्कू की हत्या कर फेंक देने और कंपनी के अधिकारियों पर घटना की सूचना न देने और साक्ष्य छुपाने का गंभीर आरोप लगाया है।
“रात को 11 बजे मर्डर हुआ, लेकिन हमें सूचित नहीं किया गया। अपने आप लाश लेकर आया और पोस्टमार्टम के लिए ले गया और परिजनों को बताया तक नहीं”, मनोज के भाई संतोष किस्कू ने बताया।
कंपनी के अधिकारी ने बताया कि मृतक के परिजनों को कंपनी के द्वारा सहयोग राशि प्रदान किया गया है, साथ ही मृतक मजदूर के परिवार के एक सदस्य को कंपनी में परमानेंट नौकरी देने की घोषणा की गई है।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनवर जावेद अंसारी और अनुमंडल पदाधिकारी अमिताभ गुप्ता ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया व हर संभव मदद करने की भरोसा दिया, जिसके बाद आक्रोशित लोग शांत हुए।
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अनुमंडल पदाधिकारी अमिताभ गुप्ता ने बताया, “जीआर कंपनी यहाँ फोरलेन का काम कर रही है। उसके रोलर से धक्का लगने से मनोज किस्कू नाम के एक सिक्योरिटी गार्ड की मृत्यु हो गई। इसको लेकर आदिवासी समाज के लोग आक्रोशित थे। दोनों पक्षों के लोगों को समझा बुझा कर मामले को शांत कराया गया है। स्थिति नियंत्रण में है, शव का पोस्टमार्टम भी हो गया है।”
परिजनों द्वारा हत्या के आरोप पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा, “इसके लिए पुलिस है, FIR दर्ज़ होगी। अनुसंधान में जो बात आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई होगी”
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