जमात-ए-इस्लामी हिंद के महिला प्रकोष्ठ ने 1 सितंबर से ‘नैतिकता, स्वतंत्रता का आधार’ शीर्षक के तहत एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की है। इस एक महीने तक चलने वाले अभियान का उद्देश्य समाज में वास्तविक स्वतंत्रता और नैतिक मूल्यों के अनुपालन को प्रोत्साहित करना है। इस अभियान के तहत बिहार में लगभग 3 लाख लोगों तक प्रत्यक्ष रूप से और 1.5 लाख लोगों तक अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी जमात-ए-इस्लामी हिंद अररिया की सदस्य फातिमा परवीन ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी।
फातिमा परवीन ने कहा कि समाज में स्वतंत्रता और नैतिक पालन के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं के सम्मान और उनके अस्तित्व की रक्षा में हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझे। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देशभर में यह एक महीने का अभियान चलाया जा रहा है।
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महिला प्रकोष्ठ की समन्वयक कौसर जहां ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी हिंद, अररिया में अपने कैडर की मदद से इस अभियान का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि सभ्यता के नाम पर बढ़ती अनैतिकता और नैतिक पतन को रोकने के लिए जन-जन को एकजुट किया जाएगा।
इस अभियान की संयोजक तकल्लुम रूही ने बताया कि अभियान के उद्देश्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएंगी और डोर टू डोर संपर्क स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, सर्वधर्म संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा। कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों के लिए कार्यक्रम आयोजित होंगे, वहीं स्कूलों में लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, सोशल मीडिया पर पोस्टर और नारे शेयर किए जाएंगे।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के स्थानीय अध्यक्ष मक़सूद आलम ने कहा कि लोगों को स्वतंत्रता तो मिली है, लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है, जिससे नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है और यौन अनैतिकता बढ़ रही है। इसी कारण महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। इस अभियान के माध्यम से लोगों को हम एक ऐसा मार्ग दिखाने का प्रयास करेंगे जो सफलता, शांति और समृद्धि की गारंटी देता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिलाओं ने मीडिया से अपील की कि वे इस अभियान के संदेश को अधिक से अधिक प्रचारित करें ताकि जन जागरूकता के माध्यम से महिलाओं पर होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाओं को यथासंभव समाप्त किया जा सके। इस अवसर पर मास्टर मो. मोहसिन, शाहिद अनवर, शम्स आज़म, मौलाना अरशद फलाही, नाज़नीन बेगम, आबिद फारूकी, अफ्फान कामिल के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
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