देश में कोरोना की चौथी लहर के बीच पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और सिक्किम में नैरोबी मक्खी (Nairobi Fly) ने अपना आतंक मचा रखा है। बिहार के किशनगंज जिले से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के सटे होने से यहां भी इस मक्खी का खतरा मंडरा रहा है।
नैरोबी मखी पूर्वी अफ्रीका के दो कीड़ों की प्रजातियां पीडरस एक्सीमायस और पीडरस सबियस से सम्बंधित है। इसे केन्यन मखी या ड्रैगन बग्स भी कहा जाता है, ये नारंगी और काले रंग के होते हैं और ज़्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में पनपते हैं।
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नैरोबी मक्खी को लेकर किशनगंज स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
इसको लेकर किशनगंज स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। बताया जाता है कि इस नैरोबी मक्खी का प्रकोप सिलीगुड़ी में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह मक्खी पहाड़ों से होते हुए सिलीगुड़ी शहर तक पहुंच गयी है। इसके फैलने की रफ्तार बहुत तेज है। चींटी की तरह दिखने वाला यह कीड़ा काफी खतरनाक हैं। इसने सिलीगुड़ी के सैकड़ों लोगों को संक्रमित कर दिया है।

मक्खी के संक्रमण से संक्रमण की जगह खुजली होने लगती है और जख्म के निशान बन जाते हैं। इस जख्म के भरने में कम से कम एक हफ्ता लगता है।
यहां यह भी बता दें कि यह मक्खी फसलों में लगने वाले कीड़ों को अपना शिकार बनाती है, इस लिहाज से यह किसानों के लिए फायदेमंद है लेकिन जब यह मनुष्य के संपर्क में आती है, तो लोगों को संक्रमण कर देती है।
ये मक्खी काटती नहीं है, बल्कि शरीर पर बैठने से जहरीला तरल पदार्थ छोड़ती है जिससे लोगो की त्वचा में चलन और जगह जगह पर इंफेक्शन हो जाता है।
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चिकित्सकों का कहना है कि अगर मक्खी शरीर पर बैठे या चिपके तो उसे छूना नहीं चाहिए। छूने पर या इसे मसलने से यह एसिड जैसा जहरीला पदार्थ छोड़ता है, जिसे पेडरिन नाम से जाना जाता है। यह बहुत हानिकारक होता है। पेडरिन के त्वचा के सम्पर्क में आने से यह रासायनिक जलन पैदा करता है। आंखों को मसलते वक्त अगर यह खतरनाक पेडरिन आंखों तक पहुंच जाता है तो कुछ देर के लिए संक्रमित व्यक्ति अंधेपन में भी चला जाता है।

भाजपा विधान पार्षद डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि अगर यह जहरीली मक्खी किशनगंज में पैर पसार देती है तो बहुत लोगों को हानि पहुंच सकती है। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि जांच करवा लेना चाहिए कि मक्खी किशनगंज पहुंची है कि नहीं और फिर त्राहिमाम संदेश केंद्र और बिहार सरकार को भेजने की जरूरत है।
सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया : किशनगंज सिविल सर्जन
किशनगंज सिविल सर्जन ने कहा कि सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि अगर शरीर पर इसके बैठने या चिपकने का किसी को पता चलता है तो इसे धीरे से फूंक मारकर उड़ा देना चाहिए या फिर ब्रश कर इस एसिड फ्लाई को हटा देना चाहिए। इसके बाद त्वचा को साबुन पानी से अच्छे से साफ कर लेना चाहिए।
वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने इस जहरीली मक्खी के आक्रमण को शहर में रोकने के लिए शहर में साफ सफाई की व्यवस्था करने और ब्लीचिंग का छिड़काव करने की बात कही।
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