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हत्यारों को मिली सजा, पीड़िता की माँ ने कहा अब मिली कलेजे को ठंडक

पूर्णिया में दहेज हत्या के एक मामले में न्यायालय ने मृतका के पति सहित 3 लोगों को सजा सुनाई है। पति कुंदन कुमार उर्फ मणिकांत को उम्र कैद, भैंसुर कुणाल सिन्हा, नवनीत उर्फ सोनू सिन्हा तथा ससुर उमाशंकर सिन्हा को 7-7 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

Reported By JP Mishra |
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पूर्णिया में दहेज हत्या के एक मामले में न्यायालय ने मृतका के पति सहित 3 लोगों को सजा सुनाई है। पति कुंदन कुमार उर्फ मणिकांत को उम्र कैद, भैंसुर कुणाल सिन्हा, नवनीत उर्फ सोनू सिन्हा तथा ससुर उमाशंकर सिन्हा को 7-7 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

इसके अलावा न्यायालय ने 498(ए)/34 भा.द.बी. में भी सभी अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। परंतु सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और जेल में बिताई गई अवधि को अभियुक्तों की सजा में से घटा दिया जाएगा।

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यह सजा फास्टट्रैक कोर्ट संख्या 2 के न्यायाधीश रमेश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को सत्र वाद संख्या 439/2018, कांड संख्या 391/2018 तहत सुनाई। जबकि वहीँ एक अभियुक्त मनीषा सिन्हा (ननद) को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था। दोषियों को सज़ा मिलने के बाद मृतका की माता कंचन देवी ने कहा कि अब उनके कलेजे को ठंढक मिली है। बताते चलें कि कंचन देवी पति नवल किशोर श्रीवास्तव साकिन रामनगर पूर्णियाँ ने 6 जून को के हाट थाना में उपरोक्त मुकदमा दर्ज कराया था।


मृतका मीनू कुमारी की माता का आरोप था कि सभी अभियुक्तों ने मिलकर उसकी पुत्री मीनू कुमारी की हत्या कर दी है। इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से 9 साक्षियों का बयान दर्ज कराया गया। साक्ष्यों के आधार पर इस मुकदमे में एक अभियुक्त मनीषा सिन्हा को छोड़कर न्यायालय ने शेष को दोषी पाया था जिससे उपरोक्त सजा सुनाई गई। कंचन देवी द्वारा दर्ज मुकदमें में कहा गया था कि उसकी पुत्री मीनू कुमारी की शादी 19 जून 2017 को सिपाही टोला निवासी कुंदन कुमार उर्फ मणिकांत सिन्हा पिता उमाशंकर सिन्हा के साथ हुई थी। उनकी पुत्री के ससुराल वालों द्वारा हमेशा दहेज के लिए मारपीट किया जाता था और शारीरिक एवं मानसिक रूप से उनकी पुत्री को प्रताड़ित किया जाता था।

जबकि शादी में उपहार के रूप में मारुति स्विफ्ट कार, 10 भर सोना एवं अन्य सामान दिया गया था। फिर भी दहेज दानवों द्वारा लगातार 2 कट्ठा जमीन तथा 10 लाख रुपए की मांग की जा रही थी। एकाएक 4 जून को देर रात में बादी की पुत्री द्वारा फोन कर बताया गया कि मेरे पति आपसे बात करना चाहते है। बात करने के क्रम में उसकेदामाद द्वारा भद्दी भद्दी गाली दी गयी और कहा गया कि 2 दिन में हमारी उपरोक्त मांग पूरा करो नहीं तो बेटी की लाश मिलेगी। इसके बाद 6 जून को हम लोगों को फोन से सूचित किया कि मीनू का लाश जलाने जा रहे हैं। इस मुकदमें को अभियोजन पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता रामाकांत ठाकुर एवं अपर लोक अभियोजक जीवन कुमार ज्योति संचालित कर रहे थे।

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