एक तरफ जहां भारत विश्व गुरु और विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है, तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के लोग आज भी चचरी पुल के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं। कटिहार जिला अंतर्गत बरारी प्रखंड क्षेत्र की वैसागोविंदपुर पंचायत के 4 वार्ड हैं, जो कारी कोसी नदी के उस पार हैं। बाढ़ के समय यहां के लोग प्रखंड मुख्यालय या तो नाव के सहारे या फिर तैर कर पहुंचते हैं।
बाकी महीनों में नदी में पानी कम होता है, तो इन वार्डों के लोग चंदा इकट्ठा कर बांस से चचरी पुल बनाकर आवागमन करते हैं। वैसागोविंदपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13, 14, 15 और 16 के साथ-साथ चित्तौड़िया तथा बसगढ़ा ऐसे गांव है, जहां के लोगों को अपनी पंचायत में या प्रखंड में कोई काम पड़ जाए या फिर किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो उन्हें अस्पताल या प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सोचना पड़ता है।
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दूसरे रास्ते से पंचायत भवन लगभग 18 किलोमीटर और प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए लगभग 25 किलोमीटर अतिरिक्त चलना पड़ता है। बताते चलें की इस 4 वार्ड में दो सरकारी स्कूल, एक मदरसा और दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं।
पुल नहीं होने के कारण यहां की पांच हज़ार से अधिक आबादी प्रभावित है। पुल बन जाने से ना सिर्फ ये चार वार्ड प्रखंड मुख्यालय से जुड़ेंगे, बल्कि बरारी प्रखंड से मनसाही और मनिहारी प्रखंड भी आपस में जुड़ जाएंगे, जिससे काफी बड़ी आबादी को फायदा होगा।
कुछ साल पहले कोसी नदी पर पुल निर्माण का टेंडर भी निकला था, लेकिन सड़क को लेकर पुल का मामला फंस जाने से प्रक्रिया रुक गई। वहीं वर्तमान जनप्रतिनिधि के उदासीन रवैये के कारण यह अब तक ठंडे बस्ते में पड़ा है, जिस कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं।
वैसागोविंदपुर गांव के मोहम्मद आलमगीर ने बताया कि आज़ादी से लेकर अब तक लोग नाव से ही यह नदी पार कर रहे हैं। अभी नदी में पानी कम है, इसलिये इस पर चचरी पुल बनाया गया है। आलमगीर ने आगे बताया कि बग़ल में ही मनसाही हाट है, जहां पर लोग रोज़मर्रा की ज़रूरतों का सामान ख़रीदने के लिये जाते हैं, लेकिन, पुल नहीं होने से लोगों की ज़िंदगी पर बहुत असर पड़ रहा है।
“इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मवेशी हटिया मनसाही है। लेकिन, लोग उस हटिया से जुड़ नहीं पा रहे हैं। यहां पर पुल बनने से कटिहार की दूरी भी घट जाएगी। अभी चार वार्ड बरारी प्रखंड मुख्यालय से कटा हुआ है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “ इस नदी पर पुल की मांग लगातार हम लोग करते रहे हैं। इस मांग पर पूर्व विधायक नीरज सिंह ने पुल के लिये टेंडर भी निकाला था। लेकिन, पदाधिकारियों और वर्तमान जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की भेंट यह पुल चढ़ गया।”
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