बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली यह अहम सड़क सालों से बदहाली का शिकार है। किशनगंज जिले की दामलबाड़ी पंचायत के बिसानी गांव से लेकर पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा, धनतोला और इस्लामपुर आदि जाने वाली सड़क गड्ढों से भरी पड़ी है। हालत ऐसी है कि राह चलना भी किसी जंग जीतने जैसा लगता है।
दो राज्यों की सीमा पर होने के कारण महज़ 500 मीटर सड़क निर्माण का काम सालों से अटका हुआ है। रोज़ाना हज़ारों लोग इसी रास्ते से बंगाल के बाज़ारों में व्यापार करने जाते हैं। बंगाल के बाज़ारों को बिहार के खरीदारों से लाखों की आय प्राप्त होती है लेकिन लंबे समय से सड़क की मांग को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।
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बिसानी गांव के लोगों का कहना है कि जर्जर सड़क बंगाल में आती है इसलिए बिहार कुछ नहीं करता जबकि पश्चिम बंगाल के जन प्रतिनिधि उनकी परेशानी को गंभीरता से नहीं लेते।
सड़क की मरम्मत न होने से दोपहिया वाहन और सवारी गाड़ियां बड़ी मुश्किल से उछलते-कूदते हुए इस रास्ते से गुजरती हैं। हल्की सी बारिश होते ही गड्ढे पानी से भर जाते हैं और जिससे लगातार हादसे का खतरा बना रहता है।
स्थानीय लोगों ने कई बार किशनगंज के विधायक और दामलबाड़ी पंचायत के मुखिया से गुहार लगाई कि वे बंगाल के जनप्रतिनिधियों से बात करें। हर बार सिर्फ़ आश्वासन मिला, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं बदला।
दो राज्यों के बीच प्रशासनिक संवाद की कमजोरी के कारण एक छोटी सी सड़क का निर्माण कार्य दशकों से अटका हुआ है।
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