बिहार के किशनगंज जिले में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। मुखिया का चुनाव हारने वाले को एक व्यक्ति को पुलिस ने लूटपाट करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मुखिया प्रत्याशी का नाम मोहम्मद मसूद आलम बताया गया है।
लूटपाट के पीछे जो वजह सामने आई है, उससे पता चलता है जनसेवा का हवाला देकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं के दिल में आखिर चल क्या रहा होता है।
Also Read Story
बताया जा रहा है कि मुखिया पद के लिए हुए चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उसने पैसा पानी की तरह बहाया था, इस उम्मीद में कि जीत गये तो चांदी ही चांदी होगी। मगर वो हार गया। इस हार के चलते मसूद आलम सड़क पर आ गया। ऐसे में उसे आर्थिक हालत सुधारने का एक ही शाॅर्टकट उपाय सूझा- लूटपाट।
पुलिस के अनुसार, चुनाव हारने के बाद से अब तक वह लूट की कम से कम दो वारदातों को अंज़ाम दे चुका है।
लूट की घटना
पिछले 9 नवम्बर को की शाम पांच बजे जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र के प्रेम पुल के पास एक गैस एजेंसी के कर्मचारी से डेढ़ लाख रुपए लूट लिये गये थे। इस घटना के डेढ़ घंटे बाद ही एक और वारदात को अंज़ाम दिया गया। शाम करीब साढ़े 6 बजे बहादुरगंज थाना अन्तर्गत बाभनटोली डायवर्सन पर बिशनपुर के रहने वाले जुअलरी व्यापारी से हथियार के बल पर चांदी के जेवर लूटे गये।
जांच और गिरफ्तारी
इन दोनों घटनाओं की शिकायत जब पुलिस के पास दर्ज कराई गई तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। किशनगंज के एसपी कुमार आशीष ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी किशनगंज के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया था।
SIT ने जांच शुरू की, तो सबसे पहले उसे मुखिया के प्रत्याशी रहे मुहम्मद मसूद आलम का नाम सामने आया। पुलिस ने आलम को टेढ़ागाछ से गिरफ्तार किया और कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने अपने दूसरे साथियों के नाम बताये और लूट को अंजाम देने की पूरी कहानी पुलिस को बताई। मसूद की निशानदेही पर उसके अन्दर साथियों को गिरफ्तार किया गया और लूटे गये 34 हजार रुपए, पांच किलोग्राम चांदी के जेवर, मोबाइल फोन, कट्टा और घटना में प्रयुक्त तीन मोटरसाइकिलों को बरामद किया। गिरफ्तार अन्य आरोपितों के नाम साबिर, मुस्लिम, राजू कुमार साह, प्रदीप चौधरी, नौशाद उर्फ शीतल, रतन कुमार, विकास कुमार साह और मो अफाक बताये गये हैं।
पुलिस पी पूछताछ में मुखिया प्रत्याशी ने बताई वजह
पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने कबूल किया कि बहादुरगंज की घटना को अंजाम देने के लिए पिछले 15 दिनों से व्यापारी की रेकी की जा रही थी। पुलिस ने बताया कि किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र की घटना को अंज़ाम देने के लिए आरोपित 10 दिनों से लगातार हलीम चौक आकर रेकी कर रहे थे। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब विकास नाम के युवक की गिरफ़्तारी हुई। उसकी निशानदेही पर मो अफाक को दबोचा गया।
एसपी ने कहा,
“जांच में पता चला कि दोनों घटनाओं को एक ही गैंग ने अंजाम दिया था और मुख्य आरोपित मुखिया प्रत्याशी मसूद है।”
“पूछताछ में मसूद ने स्वीकार किया है कि पंचायत चुनाव हार जाने के कारण उसकी आर्थिक हालत खराब हो गई थी और इसलिए उनसे लूटपाट का इरादा किया,”
एसपी कहते हैं।
एसपी ने कहा कि तत्वरित मामले के उद्भेदन और लूटे गये सामान की बरामदगी के लिए के लिए जांच टीम को सम्मानित किया जाएगा।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।