कटिहार के फलका प्रखंड क्षेत्र के महेशपुर, राजधानी, सालेहपुर एवं गोविंदपुर बहियार में कृषकों के खेत में लगी मक्के की फसल गलत कीटनाशक पाउडर के इस्तेमाल से बर्बाद हो गई। महंगाई के इस दौर में कृषकों ने बैंकों से कर्ज लेकर या फिर बहू-बेटी के जेवर गिरवी रखकर मक्का की खेती की, लेकिन डेढ़ माह बाद फसल को कीड़ा द्वारा तबाह करता देख किसानों ने बचाव के लिए खुलेबाजर महेशपुर चौक की दुकान से ‘फील्डर’ नामक कीटनाशक का खेत में इस्तेमाल किया तो लहलहा रही मक्के की फसल अचानक गल व सूखकर बर्बाद हो गई।
पीड़ित किसानों का कहना है कि उन्होंने कुछ दिनों पहले महेशपुर पंचायत स्थित दुकानों से कीटनाशक ली थी जिससे फसल बर्बाद हो गई। दुकानदारो से शिकायत करने पर दुकानदारों ने कहा कि कंपनी वाला आएगा, वही कुछ कर सकता है।
राजधानी बहियार के रहने वाले पीड़ित किसान मोहम्मद एहतेशाम और उमर फ़ारूक़ फसल की नकसान की मार झेल रहे हैं। एहतेशाम कहते हैं कि उनका पूरा परिवार और उन सब का पालन पोषण इसी मकई के खेत पर निर्भर है। फसल लगाने के लिए उन्होंने जो क़र्ज़ लिए थे, अब वो चुकाना भी मुश्किल हो रहा है।
सालेहपुर बहियार के मोहममद मुर्शिद और मोहममद आसिफ इक़बाल ने भी अपनी सारी जमापूंजी मकई खेत में लगा थी। अब वे और बाकी पीड़ित किसान फसल की बर्बादी से हुए नुकसान के मुआवज़े के इंतज़ार में हैं।
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