आजमनगर थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित +2 प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय आजमनगर की लचर व्यवस्था के बारे में ‘मैं मीडिया’ ने अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से खबर छापी थी। खबर छपने के बाद वहां की तस्वीर बदली है।
पिछले शुक्रवार को मैं मीडिया वापस स्कूल में पहुंचा, तो वहां की व्यवस्था में सुधार दिखा।
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जाड़े की धूप में सभी बच्चियां कैंपस में प्रखंड स्तरीय तरंग प्रतियोगिता के लिए तैयारी करती हुई दिखी। कोई रस्सी कूद रही थी, तो कोई दौड़ की तैयारी कर रही थी।
एक सीनियर लड़की द्वारा मार्शल आर्ट भी सिखाया जा रहा था।
पहले क्या थी समस्या ?
पूर्व में जब मैं मीडिया की टीम स्कूल में पहुंची थी, तो 900 छात्राओं वाले स्कूल के किसी भी शौचालय के नल में पानी नहीं आ रहा था। छात्राओं को कैंपस में लगे एकमात्र चापाकल से बाल्टी में पानी लेकर शौचालय जाना होता था। शौचालय काफ़ी गंदे थे।
स्कूल का मोटर सालों से खराब था और लॉकडाउन में जब स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, तो उस समय कुछ मजदूरों में स्कूल की टंकी को तोड़ दिया था।
स्कूल के पीछे बाउंड्री अधूरी थी। स्कूल कैंपस में 50 बेड का छात्रावास धूल फांक रहा था। पानी पीने के लिए एक ही चापाकल लगा हुआ था। पंखे ठीक से नहीं चल रहे थे।
खबर छपने के बाद क्या सुधार हुआ
खबर छपने के बाद कटिहार जिला अधिकारी के कार्यालय ने खबर पर संज्ञान लेते हुए इंजीनियर को निरीक्षण के लिए स्कूल भेजा और जायजा लिया।
अभी स्कूल में सभी शिक्षक और शिक्षिका उपस्थित रहते हैं। पानी की नई टंकी लगा दी गई है और सालों से खराब पड़े मोटर को भी ठीक कर दिया गया है।
स्कूल के सभी शौचालयों में पानी बराबर रहने लगा है। शौचालयों की साफ-सफाई भी लगातार की जा रही है। शौचालय में मग और बाल्टी की भी व्यवस्था की गई है।
छात्राओं के पानी पीने के लिए नया एक्वागार्ड फिल्टर खरीद लिया गया है जिसे जल्द ही लगा दिया जाएगा।
सभी कक्षाओं में वायरिंग कर पंखों को ठीक कर लिया गया है।
50 बेडवाले महिला छात्रावास को शुरू करने के विषय में शिक्षकों ने बताया कि यह जिला शिक्षा पदाधिकारी के अंडर में आता है। अगर वह पर संज्ञान लेंगे और रसोइया व वार्डेन की व्यवस्था कर देंगे, तो छात्रावास भी शुरू हो जाएगा। प्रिंसिपल के द्वारा जितना संभव हो सका, उन्होंने व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया।
एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अधूरी पड़ी बाउंड्री को भी बनाया जा सकता है। विकास फंड में बहुत पैसा है अभी जितना सुधार हुआ है, वह सब विकास फंड के पैसे से ही हुआ है।
मनचलों के बारे में आजमनगर पुलिस का कहना है कि बीच-बीच में गश्ती गाड़ी को स्कूल के तरफ भेजा जाता है और मनचलों पर निगाह रखी जाती है।
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Impressive
मैं Saud Qamar
मैं इस खबर को अभी पड़ा मुझे बहुत अच्छा लगा के आप और आपकी टीम इतना मेहनत कर रहे है हमारे एरिया की व्यवस्था को सुधारने का और सच्ची बाते बताने का
मैं अल्लाह से दुआ करता हूं के आप और आपकी टीम को लंबी उम्र दे
शुक्रिया