अररिया के 33/11 बौची फीडर के कनीय अभियंता को निलंबित करने की मांग को लेकर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया।
अररिया जिले के 33/11 बौची फीडर के कनीय अभियंता अमरेश कुमार ने जिला परिषद पति और गैर सरकारी संगठन ‘अररिया का मुद्दा’ के संचालक फैसल जावेद यासीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बैरगाछी ओपी थाना में आवेदन दिया था। अमरेश कुमार के अनुसार, फैसल जावेद यासीन ने बिजली विभाग के प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर जबरदस्ती शटडाउन को लेकर पोल शिफ्टिंग कर दिया था।
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फैसल जावेद यासीन ने आरोप को झूठा बताया है। मीडिया से बात करते हुए कहा, “जेई द्वारा क्षेत्र से अवैध वसूली की जाती है। ग्रामीणों के घर के ऊपर 11 हजार वोल्ट का तार झुका दिया जाता है। तार हटाने के लिए 20 से 25 हजार रुपए की घूस ली जाती है। बिजली कनेक्शन, प्रीपेड मीटर और गलत बिजली बिल देकर लोगों से अवैध तरीके से पैसा वसूला जाता है। बिजली विभाग की वजह से हजारों लोगों की जान जोखिम में है। इसके उलट बिजली विभाग मुझपर ही आरोप लगा रही है।”
फैसल जावेद यासीन ने आगे कहा, “जेई की अवैध वसूली के खिलाफ मैंने लोगों को जागरूक किया है। यह आंदोलन जेई के निलंबित होने तक चलेगा।”
इस मामले को लेकर आंदोलन काफी तेज हो गया है। पिछले कई दिनों से शहर की अलग अलग जगहों पर लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। शनिवार को फारबिसगंज के कोलिहा चौक पर लोगों ने जेई का पुतला दहन कर नारे लगाए। रविवार को मेटन और महिशाकोल में हजारों की संख्या में लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जुलूस निकाला था। सोमवार को मदनपुर और मंगलवार को मतीर चौक पर लोगों द्वारा जेई की बर्खास्तगी की मांग की गई।
फैसल जावेद यासीन ने मीडिया से अपील की है कि मामले में सांसद, विधायक और दोनों सदन के चेयरमैन से भी बयान लिया जाए, तभी स्पष्ट हो पाएगा कि मामले का साजिशकर्ता कौन है।
गौरतलब हो कि फैसल जावेद यासीन के पक्ष में शुक्रवार को जिला परिषद के सभी सदस्यों द्वारा आपात बैठक कर बिजली विभाग की कड़ी निंदा की गई। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।
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