“हमारा पति पंजाब में काम करता है। जबकि मेरा फोटो एक ऑटो वाले के साथ खींच कर बैंक के कागज में साटा गया था। चार किश्त में मेरे नाम पर ₹1 लाख उठाया गया है। एक भी रुपया मेरे अकाउंट में नहीं आया है। पुलिस के पास जाते हैं तो पुलिस कहती है कि तुम लोग कर्ज से बचने के लिए इस तरह का झूठ बोल रही हो। अगर बोल रहे हैं तो जांच कीजिए ना। जांच काहे नहीं हो रहा है?” मधेपुरा के सिंहेश्वर के लालपुर स्थित महादलित टोला वार्ड संख्या 11 की 23 वर्षीय निक्कू देवी भारी आवाज में यह बात कहती हैं।
लोन लेना अब बेहद आसान और सरल हो गया है। इसी के साथ लोन के नाम पर फ्रॉड की घटना भी लगातार बढ़ रही है।
Also Read Story
ऐसे ही मधेपुरा के सिंहेश्वर के लालपुर स्थित महादलित टोला वार्ड संख्या 11 की लगभग 50 से 75 महिलाओं के साथ भी इस तरह की घटना हुई है। गांव की तुलामैन देवी के मुताबिक, 60 से 70 लाख रुपये गांव की महादलित जाति की महिलाओं के नाम पर उठाकर गांव की ही मीना सिंह गांव से भाग गई है। वहीं, गांव के ही उदय कुमार के मुताबिक लगभग एक करोड़ रुपये इन लोगों के नाम पर उठाया गया है।
गांव की महादलित रंजू देवी के नाम पर पांच लोन स्वीकृत किया गया है। रंजू देवी बताती हैं, “मेरे पति अभी पंजाब में हैं। लगभग डेढ़-दो महीने पहले गांव की अन्य महिलाएं भी लोन ले रही थीं। मैं भी सारा कागज लेकर मीना सिंह के पास गई थी। जिसके बाद एक अनजान व्यक्ति के साथ मेरा फोटो खिंचवाया गया था। बाद में उस अंजान व्यक्ति को मेरा पति कहकर कागज में दिखाया गया है। मुझे दो बार ग्राहक सेवा केंद्र जाना पड़ा था। मेरे नाम पर 1,10,000 रुपये उठाया गया है। मेरे अकाउंट में सिर्फ ₹2000 आया है।”
वहीं, सलीन शर्मा की पत्नी फूदनी देवी के नाम पर तीन लोन उठाया गया है। फूदनी देवी बताती हैं, “लगभग 6 महीने पहले सिंहेश्वर बाजार स्थित शांतिवन गली में सोनु सीएसपी केंद्र में उनका दो बार अंगूठे का निशान लिया गया था। फिर बोला गया कि लिंक फेल है। पैसा अकाउंट में आ जाएगा। उसके बाद कोई रुपया नहीं आया था। हाल फिलहाल में जब बैंक से किश्त वसूल करने आया, तब पता चला कि हमारे नाम पर रुपये निकाले जा चुके हैं।”
रंजू देवी और फूदनी देवी की तरह ही गांव की लगभग 50 महिलाओं के नाम पर लोन उठाया गया है। एक-एक महिला के नाम चार से पांच लोन लिए गए हैं। इसी क्रम में गीता देवी पर चार लोन, रूबी देवी के नाम दो और अभिलाषा देवी के नाम पर चार लोन लिये गये हैं।
“मीना देवी और सीएसपी संचालक सारा रुपया खा गया”
गांव के उदय कुमार विस्तार से बताते हैं, “इसी लालपुर गांव के वार्ड संख्या 12 की मीना सिंह उर्फ मीना देवी इस पूरी कहानी की मुख्य किरदार है। सारा खेल एक साल से अधिक समय से चल रहा है। कंपनी के अधिकारी के द्वारा भी मीना देवी को मदद करने के लिए कहा गया था। इसके बाद महादलित टोले की सभी महिलाओं ने मीना देवी के पास ही अपना सारा कागज दे दिया था। फिर धीरे-धीरे अलग-अलग करके महिलाओं को पोस्ट ऑफिस रोड, शांति वन गली और दुर्गा चौक स्थित एक सीएसपी पर अंगूठा लगाने के लिए ले जाया जाता था। जब बैंक के अधिकारी महिलाओं के पास किश्त वसूलने को लेकर धीरे-धीरे पहुंचने लगे, तो सारा मामला सामने आने लगा। जब पूरा मामला पंचायत स्तर पर तूल पकड़ने लगा तो मीना देवी अपने पति विशाल सिंह, दो बेटा और एक बेटी के साथ मई महीने से ही फरार हैं। घर पर सिर्फ उनके ससुर हैं।”
सिंघेश्वर के स्थानीय पत्रकार धीरज कुमार बताते हैं, “मीना देवी, पति के नाम पर अन्य पुरुष के साथ महिला का फोटो मिक्सिंग कराकर लोन पास करवा देती थी। अगर अच्छे से जांच की जाए, तो पूरे गिरोह का भंडाफोड़ होगा। सीएसपी संचालक की भी इसमें मुख्य भूमिका है। इन महिलाओं को चार अलग-अलग सीएसपी पर ले जाया गया है। पूरे मामले में लोन कंपनी भी काफी दोषी है। कंपनी के द्वारा समूह की महिलाओं के साथ कोई मीटिंग भी नहीं हुई थी। सारी जिम्मेदारी कैसे एक महिला को दी जा सकती है?”
लोन देने वाली कंपनी में फ्यूजन माइक्रो फाननेंस बैंक, आईआईएफएल समस्ता फाइनेंस लिमिटेड, मुथुट माइक्रोफिन लिमिटेड, भारत फाइनेंशियल इंक्लूज़न लिमिटेड, सेव माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड, सरला डेवलपमेंट एंड माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड, स्वतंत्र माइक्रोफीन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
“पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन होगा”
15 जून को इस पूरे मामले पर एक पंचायत बुलाई गई थी, जहां यह निर्णय लिया गया है कि अगर पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष निशांत यादव इस पूरे मामले पर कहते हैं कि पुलिस प्रशासन के द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो हम लोग आगे आंदोलन भी करेंगे।
राजद नेता कुमारी विनीता भारती कहती हैं, “इस पूरे प्रकरण में लंबा गिरोह काम करता है। ब्रांच मैनेजर,सीएसपी संचालक और कई लोग हैं। सीएम, डीजीपी, डीआईजी व एसपी संदीप सिंह को इस मामले से संबंधित शिकायत भेज दी गई है।”
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।