बिहार के किशनगंज ज़िले के रहने वाले नाविक जाबुल का घर नदी के किनारे है। जाबुल बहादुरगंज प्रखंड अंतर्गत लौचा पंचायत के सतमेढ़ी गाँव के रहने वाले हैं। बरसात की आमद होते ही उन्हें कनकई नदी के कटाव से पक्के मकान के जमींदोज हो जाने का डर सताने लगा। आनन फानन में उन्होंने अपना घर खाली किया और पक्के मकान की दीवारें तोड़ दीं। इस उम्मीद में कि घर जमींदोज हो जाने से पहले कुछ ईंटें ही बच जाएं। लेकिन इसी बीच उनके गाँव को बचाने के लिए कटाव निरोधक कार्य हुआ, तो जाबुल की उम्मीदें जगीं। उन्होंने थोड़ा इंतजार किया। कटाव निरोधक कार्य के चलते उनका दीवार विहीन मकान बच गया। ऐसे में उन्होंने बांस की टाटी और प्लास्टिक लगाकर उस टूटे हुए मकान को ही रहने लायक बना दिया। फिलहाल. जाबुल अपने परिवार के साथ उसी मकान में रह रहे हैं।
टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत डाकपोखर पंचायत के हरहरिया गाँव निवासी विनय कुमार का घर छह बार नदी के कटान में समा चुका है। पेशे के मज़दूर विनय करीब छह साल पहले 10-15 कट्ठा ज़मीन खरीद कर अपने वर्तमान स्थान पर बसे। उनका घर अब भी नदी के किनारे पर ही है। पिछले दिनों जिओ बैग और लकड़ी के सहारे यहाँ नदी के कटान को रोकने की कोशिश की गई।
Also Read Story
बिहार देश में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक पत्रिका ‘जल संसाधन’ में छपी जानकारी के अनुसार, बिहार में लगभग 94.16 लाख हेक्टेयर में से लगभग 68.80 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित होती है, जो कि राज्य की कुल भूमि का लगभग 73.06% है। बिहार में बाढ़ नियंत्रण के लिए मुख्यतः आठ तरह की चीज़ें की जा रही हैं। इसमें कटाव निरोधक कार्य, नदियों पर बने पुल-पुलिया के भेंट की सफाई, गाद की उड़ाही, नदियों में बने शोल को हटाने का कार्य और नदी जोड़ योजना आदि शामिल हैं।
कटाव निरोधक कार्य कई तरह के होते हैं, जिनमें पर्को पाइल यानी प्रीकास्ट कंक्रीट पाइल्स, जियो बैग, शीट पाइल, वुडन पाइल, बोल्डर पिचिंग आदि शामिल हैं।
स्थानीय राजद विधायक मोहम्मद अंजार नईमी ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र बहादुरगंज में 2023 में 15 स्थानों पर और इस साल 11 जगहों पर इस तरह के कटाव निरोधक कार्य हुए हैं, लेकिन अभी भी कुछ प्वाइंट पर काम होना है।
वहीं, क्षेत्र के कई युवा नदी कटान को लेकर प्रदर्शन कर सरकार से एक स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं। झिंगाकाटा हाट पर इसको लेकर एक धरना हुआ।
विधायक अंजार नईमी ने पिछले विधानसभा सत्र में भी कटाव निरोधक कार्य का मुद्दा सदन में उठाया था। इसको लेकर वह लगातार प्रदेश मुख्यमंत्री, मंत्री और सम्बंधित अधिकारियों से मिलते रहे हैं। वह मानते हैं कि कटाव का स्थाई समाधान तटबंध बांध कर ही किया जा सकता है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।