नेपाल के इलाम जिले के फिकल पहाड़ में मजदूरी करने के दौरान पत्थर खिसकने के कारण निर्माणाधीन मकान धंसने से मलबे में दबकर चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गयी। सभी मजदूर किशनगंज जिले के दिघलबैंक थाना क्षेत्र के बैरबन्ना गांव के रहने वाले थे।
घटना की सूचना मिलने के बाद मृतकों के परिवार वाले कल देर शाम घटनास्थल के लिए रवाना हो गये हैं। घटना शुक्रवार शाम की बताई जा रही है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिघलबैंक के बैरबन्ना गांव के ये युवक नेपाल में रहकर निर्माण मिस्त्री का काम करते थे। शुक्रवार शाम मकान का काम करने के दौरान पहाड़ धंसने से वे मलबे में दब गये जिससे उनकी मौत हो गई। मलबे में दबे शवों को नेपाल प्रशासन की मदद से बाहर निकाला गया। मृतकों की पहचान अजीमुद्दीन, मोहम्मद अब्दुल, मोहम्मद तौसीफ और मुहम्मद मुजफ्फर के रूप में हुई है और सभी की उम्र 20 से 22 साल के बीच है।
किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि शवों को नेपाल से लाने के लिए एम्बुलेंस भेजा गया है, साथ ही शव को नेपाल से लाने के लिए दिघलबैंक अंचल अधिकारी को निर्देश दिया गया है, जो नेपाल प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हादसे पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से 02-02 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मजदूरों का पलायन रोकने में नीतीश कुमार विफल हैं। आज स्थिति ये हो गयी है कि बिहार के मजदूरों को रोजगार तलाशने के लिए कमजोर देश नेपाल में जाना पड़ रहा है। उन्होंने बिहार सरकार से मांग की कि मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये नहीं बल्कि कम से कम 25-25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाय।
उधर जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने बैरबन्ना गांव का दौरा कर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद भी दी।
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