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वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड अंतर्गत सुधानी पंचायत में पुरानी महानंदा नदी पर स्थित कोल्हा घाट पर पुल न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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kolha ghat of katihar is waiting for a bridge for years

कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड अंतर्गत सुधानी पंचायत में पुरानी महानंदा नदी पर स्थित कोल्हा घाट पर पुल न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


यह घाट बलरामपुर और कदवा विधानसभा क्षेत्रों की सीमा पर स्थित है तथा दोनों क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों के लोग रोजाना इसी रास्ते से आवागमन करते हैं। हर साल बरसात में यह रास्ता पानी में डूब जाता है जिससे ग्रामीणों को करीब 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।

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पुल न होने से कई बार ग्रामीण दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कुछ महीने पहले यहां चचरी पुल से गिर कर एक बच्चे की मौत हो गई थी।


कोल्हा घाट से भेलागंज हाट की पैदल दूरी सामान्य दिनों में सिर्फ 5 मिनट है, लेकिन बारिश में यह रास्ता 20 से 25 किलोमीटर लंबा सफर बन जाता है। यह रास्ता बलरामपुर और तुंगीदिघी जाने के लिए सबसे सीधा रास्ता है। यहां पुल बन जाने से आस-पास के गांवों के किसान आसानी से बंगाल जाकर अपना अनाज बेच सकेंगे।

हर वर्ष स्थानीय ग्रामीण आपस में चंदा कर चचरी का पुल बनाते हैं लेकिन कुछ दिनों में ही वो टूट जाता है।

नदी की पश्चिम की तरफ इलाके का मशहूर सराफा बाजार ‘भेलागंज हाट’ है जहां दूर-दूर से लोग ज़ेवरात खरीदने आते हैं। नदी की दूसरी तरफ सुधानी रेलवे स्टेशन है और आगे यह रास्ता बंगाल जाने वाले स्टेट हाइवे से जुड़ जाता है। दोनों तरफ के ग्रामीण और व्यापारी वर्षों से यहां पुल बनाने की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि तनवीर शमशी ने कहा कि कई बार उन्होंने अधिकारियों को मामले से अवगत कराया लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

आरडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मिथिलेश कुमार ने हमें फोन पर बताया कि यहां करीब 200 मीटर से अधिक लंबा पुल बनना है, इसलिए इस परियोजना के लिए पुल निर्माण निगम से बात करना उचित होगा।

जब हमने पुल निर्माण निगम, कटिहार के अधिकारी अभिषेक आनंद से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि जहाँ आरसीडी की सड़क हो पुल वहीं बनेगा। जबकि इस स्थान पर दोनों ओर आरडब्ल्यूडी की ही सड़क है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब आरडब्ल्यूडी खुद भी 100 मीटर से अधिक लंबा पुल बना रही है, लिहाज़ा यह मामला आरडब्ल्यूडी के दायरे में आता है।

इस कंफ्यूजन की स्थिति को दूर करने के लिए हमने बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक महबूब आलम से संपर्क किया। लेकिन सवाल सुनते ही उन्होंने नाराज़गी जाहिर की और बिना जवाब दिए फोन काट दिया।

ख़बर रिकॉर्ड होने के दो दिन बाद रास्ते में मिट्टी डालकर उसे अस्थायी रूप से आवागमन के लायक बनाया गया है। स्थानीय मुखिया के अनुसार यह काम ग्रामीणों ने आपसी चंदे से कराया है।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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