Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

Bihar Board 10th Result 2023: बिहार मैट्रिक टॉपर मो. रूमान अशरफ़ के बारे में जानिए सब कुछ

शेखपुरा के मो रुमान अशरफ ने राज्य में पहला रैंक हासिल किया है। उन्होंने 500 में से 489 नंबर लाकर 97.8% अर्जित किया।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 के परिणाम आते ही अच्छे नंबरों से पास होने वाले बच्चों के परिवारों में ख़ुशी का माहौल है। इस बार की परीक्षा में 81.4% छात्र पास हुए हैं। शेखपुरा के मो रुमान अशरफ ने राज्य में पहला रैंक हासिल किया है। उन्होंने 500 में से 489 नंबर लाकर 97.8% अर्जित किया।

शेखपूरा जिले के इस्लामिया स्कूल में पढ़ने वाले रूमान को पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त करने पर खूब बधाइयां मिल रही हैं। रुमान के घर पर परिजन और आस पास के लोग मुबारकबाद देने पहुंचे रहे हैं। परिणाम आने के बाद रुमान अशरफ के विद्यालय, इस्लामिया हाई स्कूल के शिक्षकों में खुशी की लहर है।

बता दें कि इस स्कूल के दो और विद्यार्थी, प्रवीण कुमार और सुभम कुमार भी टॉप टेन रैंक में शामिल हुए हैं।


रुमान शेखपुरा के चकन्द्रा गांव का निवासी है और उसके पिता एक प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं। रुमान शेखपुरा के अहियापुर में रहकर पढ़ाई करता है। बिहार टॉपर बनने पर शेखपुरा के डीएम सावन कुमार ने भी छात्र को बधाई दी और कहा है कि रुमान ने पूरे बिहार में जिले का नाम रौशन किया है।

देश सेवा करना चाहता है रुमान

इस मौके पर रुमान के अभिभावकों ने उसे मिठाई खिलाकर इस कामियाबी की खुशियाँ मनाईं। रुमान ने कहा कि उसने नहीं सोचा था कि उसे इतनी बड़ी सफलता मिलेगी, लेकिन उसने बहुत मेहनत की थी इसलिए वह इस सफलता से बेहद खुश है।

रुमान ने कहा कि वह आगे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में जाना चाहता है और उसका सपना है कि वह सेना में शामिल होकर देश की सेवा करे।

रुमान के पिता मो नजीबुर रहमान ने कहा कि रुमान दिन रात पढता रहता था। वह 2 ऑनलाइन कोचिंग क्लास के साथ साथ पास के कोचिंग सेंटर में भी रोज़ाना पढ़ने जाता था। उन्होंने आगे बताया कि रुमान उनका एकलौता पुत्र है और इसकी सफलता से घर वालों में बहुत प्रसन्न्ता है और यह सफलता इसकी बेजोड़ मेहनत का नतीजा है।

Also Read Story

महानंदा में समाया गांव, अब स्कूल के लिए तरसते भूमिहीनों के बच्चे

19 अगस्त से BPSC लेगा शिक्षक परीक्षा

बिहार शिक्षक नियमावली 2023 के अनुसार बहाली की पूरी प्रक्रिया क्या है?

भाभा रिसर्च सेंटर में हैं वैज्ञानिक, UPSC निकाला, अब कलक्टर बनेंगे सहरसा के निर्मल

कभी नामचीन रहे पीयू के कॉलेजों में स्पोर्ट्स खस्ताहाल

यूपीएससी में अररिया के अविनाश कुमार को मिला 17वां रैंक

वेब पोर्टल के माध्यम से होगा नियोजित शिक्षकों व लाइब्रेरियनों का ट्रांसफर

शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध पर कार्रवाई का आदेश क्यों असंवैधानिक है

नियमित, नियोजित से राज्य कर्मी तक- जानिए शिक्षक बहाली प्रक्रिया के तीन दशक की पूरी कहानी

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

शिक्षा विभाग ने प्राथमिक से प्लस टू स्कूल शिक्षक पदों के लिए निर्धारित योग्यता जारी की

बिहार के कॉलेजों में लागू होने वाला CBCS आधारित चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम क्या है?

इंटरमीडिएट में नामांकन की प्रक्रिया कल से शुरू

अररिया: फुटपाथ पर लाइब्रेरी, जहां आप फ्री में पढ़ सकते हैं किताबें

नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के खिलाफ प्रदर्शन करने पर शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

BPSC चेयरमैन ने कहा, बिहार में शिक्षक बहाली के लिए विज्ञापन जल्द

किशनगंज: मदरसे के प्रबंधन को लेकर दो पक्षों में विवाद, सालों से नहीं हुई शिक्षकों की बहाली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latests Posts

Ground Report

अररिया में एक फैसले से पांच हज़ार आदिवासी-दलित हो जाएंगे बेघर

‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

किशनगंज का नेहरू कॉलेज, जहाँ 21 एकड़ के कैंपस में छात्र से ज़्यादा मवेशी नज़र आते हैं

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!