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किशनगंज वासी महानंदा बेसिन के पक्ष में हैं लेकिन गांवों को न उजाड़ा जाए: ईमान

महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित रतुआ नदी में तटबंध का निर्माण कार्य शुरू होना है। जहां तटबंध का निर्माण होना है उसके आस-पास एक बड़ी आबादी बसती है। पिछले दिनों यहाँ के लोगों को विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिस भेजा गया है जिससे ग्रामीण चिंतित हैं।

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महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित रतुआ नदी में तटबंध का निर्माण कार्य शुरू होना है। जहां तटबंध का निर्माण होना है उसके आस-पास एक बड़ी आबादी बसती है। पिछले दिनों यहाँ के लोगों को विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिस भेजा गया है जिससे ग्रामीण चिंतित हैं।

इस मामले में अमौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अख्तरुल ईमान के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों का एक शिष्टमंडल किशनगंज जिला पदाधिकारी से मिला। इस शिष्टमंडल ने जिला पधादिकारी श्रीकांत शास्त्री को पूरे मामले से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा।

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अमौर विधायक और AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट पिछले पंद्रह वर्षो से लंबित योजना है और इसके तहत जो सर्वे का कार्य हुआ है उसमें ग्रामीणों की समस्याओं को दरकिनार कर दिया गया है। उनके अनुसार ग्रामीणों को बताया गया था कि नदी के किनारे से बांध का निर्माण किया जाएगा, लेकिन अब डेढ़ से दो किलोमीटर की जमीन पर बांध बांधने की योजना है जिससे कई गांव तटबंध के अंदर आ जाएंगे।


अख्तरुल ईमान ने आगे कहा कि समय के साथ नदी अपना रुख बदलती रहती है। 1952 के सर्वे में जहाँ नदी दिखाई गई थी अब वहां कई गांव बसे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किशनगंज के लोग महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के समर्थन में हैं लेकिन अगर उनके घरों को उजाड़ कर काम किया गया तो और इलाकों की तरह किशनगंज के लोग भी इसका विरोध करने लगेंगे।

उन्होंने ने इस पर विभाग से पुनर्विचार कर दोबार मैप तैयार करने की मांग की है।

जिला परिषद् सदस्य प्रतिनिधि अकमल शम्सी ने कहा कि महानंदा बेसिन परियोजना ग्रामीणों और किसानों के लिए बहुत लाभकारी है लेकिन निर्माण के लिए विभाग द्वारा भेजे गए भूमि अधिग्रहण नोटिस और नक़्शे के प्रदर्शन पर उन्हें आपत्ति है। अकमल की मानें तो जहां तटबंध का निर्माण होना है वह नदी से दूरी पर है और उसके अंतर्गत कई गांव आते हैं। तटबंध निर्माण कार्य अगर इतनी दूरी पर हुआ तो लोगों के घरों के साथ साथ स्कूल, श्मशान और सड़कें भी खत्म हो जाएंगी।

उन्होंने आगे कहा कि, जिला पदाधिकारी ने उनकी बातों को सुनकर आश्वासन दिया है कि इस परियोजना में उत्पन होने वाली कमियों को दूर किया जाएगा और जहाँ तक संभव हो सके इसमें सुधार किया जाएगा।

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