Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

किशनगंज: डेरामरी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा का आयोजन, 25 अक्टूबर से शुरू होगी पढ़ाई

कोचाधामन प्रखंड के डेरामरी गांव में वक्फ बोर्ड की जमीन पर 53 करोड़ 39 लाख 65 हजार 530 रुपए की लागत से 560 बेड वाले इस अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण किया गया है।

Avatar photo Reported By Amit Singh |
Published On :
kishanganj entrance examination organized in deramari minority residential school

किशनगंज के डेरामरी स्थित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए नौंवी और ग्यारहवीं कक्षा की पढ़ाई 25 अक्टूबर से शुरू होगी। इसके लिए शनिवार को अल्पसंख्यक विभाग द्वारा विद्यालय परिसर में प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में कुल 1,239 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था, जिसमें से 90 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए।


परीक्षार्थियों ने परीक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए जल्द से जल्द प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी करने और पढ़ाई आरंभ करने की मांग की है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि किशनगंज जिला शिक्षा के मामले में अन्य जिलों से काफी पिछड़ा हुआ है। आर्थिक तंगी के कारण कई लोग अपने बच्चों को बाहर पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में पढ़ाई शुरू होने से गरीब बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

Also Read Story

सुपौल, मधेपुरा और मुजफ्फरपुर में बनेंगे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय, कैबिनेट से मिली स्वीकृति

अररिया पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों का प्रिंसिपल के खिलाफ हंगामा, एनएच जाम कर प्रदर्शन

बिहार की दस वर्षीय छात्रा ने लिखी बाल कथाओं की पुस्तक ‘शरारती बंदर मंकू’

बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों की साल में दो बार होगी रैंकिंग

बिहार: शिक्षा विभाग में तबादले, किशनगंज, गोपालगंज, सिवान, बक्सर, खगड़िया को मिले नए DEO

₹108 करोड़ से कटिहार व बेगूसराय में बनेंगे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय

जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास में 91 प्रबंधकों के पद सृजित

बिहार के ये 41 शिक्षक ‘राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2024’ से होंगे सम्मानित

BPSC द्वारा आयोजित बिहार ज्यूडिशियल सेवा की मुख्य परीक्षा में 463 सफल

जदयू के पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने बताया कि इस विद्यालय को शुरू करने के लिए पिछले चार वर्षों से प्रयासरत थे, जो अब पूरा होते नजर आ रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि कोचाधामन प्रखंड के डेरामरी गांव में वक्फ बोर्ड की जमीन पर 53 करोड़ 39 लाख 65 हजार 530 रुपए की लागत से 560 बेड वाले इस अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण किया गया है। इसका उद्घाटन 4 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करकमलों से किया गया था।


विद्यालय के खुलने से क्षेत्र के बच्चों को बेहतर और सस्ती शिक्षा का अवसर मिलेगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में किशनगंज जिले की बड़ी उपलब्धि है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

Related News

BPSC TRE-3: वर्ग 1-5 में पूछे गये प्रश्नों का प्रोविज़नल उत्तर जारी, 5 सितंबर तक आपत्ति

तीन साल से फाइनल रिज़्लट का इंतज़ार कर रहे हैं बिहार के सहायक उर्दू अनुवादक अभ्यर्थी

मारवाड़ी कॉलेज की एडमिशन प्रक्रिया में धांधली का आरोप, छात्रों ने किया प्रदर्शन

BPSC TRE 3: आोयग ने जारी किया अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट, 27 अगस्त तक आपत्ति

BSEB सक्षमता परीक्षा के लिये 16 अगस्त से एडमिट कार्ड, 23 अगस्त से परीक्षा

मोतिहारी के महात्मा गांंधी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में नहीं शुरू हो पाया उर्दू विभाग, “उर्दू को मज़हबी चश्मे से ना देखे सरकार”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज में लो वोल्टेज की समस्या से बेहाल ग्रामीण, नहीं मिल रही राहत

अप्रोच पथ नहीं होने से तीन साल से बेकार पड़ा है कटिहार का यह पुल

पैन से आधार लिंक नहीं कराना पड़ा महंगा, आयकर विभाग ने बैंक खातों से काटे लाखों रुपये

बालाकृष्णन आयोग: मुस्लिम ‘दलित’ जातियां क्यों कर रही SC में शामिल करने की मांग?

362 बच्चों के लिए इस मिडिल स्कूल में हैं सिर्फ तीन कमरे, हाय रे विकास!