बिहार के कटिहार में बीच धार पर करोड़ों की लागत से बना यह बेकार पुल सीमांचल में विकास के दावों की पोल खोल रहा है। जिले के बलरामपुर अन्तर्गत सोनातोला गांव में कारधो धार पर लगभग 12 वर्ष पहले इस पुल का निर्माण किया गया था, लेकिन, अप्रोच पथ नहीं बनाने के कारण अब तक इसका उपयोग नहीं हो सका। स्थानीय धीरेंद्र सहनी कहते हैं कि अप्रोच पथ के निर्माण नहीं होने से लगभग पंद्रह सालों से यह पुल बेकार पड़ा है।
आपको बता दें कि यह पुल दतौल से सोनातोला गांव की तरफ जाने वाली सड़क पर बना है। ग्रामीणों को इस पुल निर्माण से अब तक कोई लाभ नहीं मिला है, बल्कि और ज्यादा परेशानी बढ़ी है। स्थानीय ग्रामीण अक्षय यादव बताते हैं कि लोग वर्षों से पुल के कंप्लीट होने की आस में बैठे हैं, अगर अप्रोच पथ बन जाये तो इस पर आवगमन शुरू हो जायेगा। लोगों ने बताया कि नदी पार करने के क्रम में अब तक दो-तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
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वर्तमान में पुल के नीचे लगभग कमर तक पानी है। यह पुल सुधानी नदी की एक सहयोगी धारा कारधो धार पर बना है। बरसात में यह धार पूरी तरह से पानी से भर जाता है। यहां के लोगों के लिए बलरामपुर बाजार, थाना, हाई स्कूल और बैंक जाने का सबसे नजदीकी रास्ता है, लेकिन, बरसात में जब आवागमन बंद हो जाता है तो लोग कई किलोमीटर अतिरिक्त घूम कर बलरामपुर पहुंचते हैं। गोरीया खातुन बलरामपुर बाज़ार स्थित बैंक से वापस अपने घर लौट रही हैं, पुल के नीचे लगभग कमर भर पानी से होकर वह धार को पार कर रही हैं। वह कहती हैं कि वे लोग काफी परेशानी में जी रहे हैं, जब नदी में पानी भर जाता है तो 50 रुपये किराया देकर बलरामपुर जाना पड़ता है।
इस अधूरे पुल को लेकर जब ‘मैं मीडिया’ ने ग्रामीण कार्य विभाग के बारसोई के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मिथिलेश कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा बनाई गई कोई भी सड़क या पुल 10 वर्ष पुराना नहीं है। बलरामपुर के तत्कालीन विधायक और कटिहार के पूर्व सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि 2011-12 में एक योजना के तहत कटिहार जिले में इस तरह के कई पुल बनाए गए थे, लेकिन, उनमें अप्रोच बनाने का काम नहीं हो सका था।
वहीं, अधूरे पुल को लेकर बलरामपुर के वर्तमान विधायक महबूब आलम कहते हैं कि बलरामपुर में एक और पुल भी इसी तरह का था, जहां पर मनरेगा योजना से अप्रोच बना दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सोनातोला पुल अब जर्जर हो चुका है, इसीलिए इसे तोड़कर वहां पर एक उच्चस्तरीय पुल बनाया जायेगा, जिसके लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है।
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