बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को समाप्त करने के लिए “एजेंडा” चला रही है।
गुरुवार को किशनगंज सहित बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में जदयू के नेता व कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को आरक्षण विरोधी बताकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।
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इस दौरान जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2005 में सत्ता में आये और 2006 में अति पिछड़ों के लिए नया कानून बनाकर 20 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का काम किया। दूसरी ओर, उन्होंने भाजपा को आरक्षण विरोधी बताया।
पूर्णिया में भी भाजपा को आरक्षण विरोधी बताते हुए सैंकड़ो जदयू नेताओं व कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया, जिसमें सांसद संतोष कुशवाहा व पूर्व मंत्री सह रुपौली विधायिका बीमा भारती ने भी हिस्सा लिया।
इस मौके पर सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि भाजपा ने अतिपिछड़ों को आरक्षण से बाहर करने की साजिश की है।
उन्होंने कहा, “चुनाव से महज 6 दिन पहले आरक्षण को समाप्त करने की बात कह कर चुनाव को रद्द करवाया गया, जबकि जिस वक्त आरक्षण रोस्टर बना, उस वक़्त बिहार में भाजपा खुद सरकार में थी और पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद नगर विकास मंत्री भी थे, जिन्होंने रोस्टर बनाया था। उस समय कोई भी दिक्कत नहीं थी, अब जब सरकार से वह बाहर है तो चुनाव रद्द करवा दिया।”
आगे उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में जदयू, भाजपा की पोल खोल रहा है। प्रदेश भर में जदयू के नेता के कार्यकर्ता धरना पर हैं।
अंत में सांसद संतोष कुशवाहा ने चेतावनी देते हुए कहा कि जदयू यह लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेगा।
दूसरी तरफ़, भाजपा एमएलसी डॉ दिलीप कुमार जायसवाल जदयू के धरने पर तंज कसते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव से छह माह पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ी जाति के लिए विशेष आयोग गठन करने का आदेश पारित किया था, जिससे पिछड़े वर्ग के आरक्षण को सुरक्षा मिल सके। लेकिन, बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर बिहार में नगर निकाय चुनाव करवाने की घोषणा कर दी।
“जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो पता चला कि बिहार की महागठबंधन सरकार आरक्षण विरोधी काम कर रही है। उसके बाद ही नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाई गई और अब महागठबंधन सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की ही बात कर रही है,” उन्होंने कहा।
दिलीप जायसवाल ने जदयू पर ही आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने उपमुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक पिछड़ी जातियों को बनाया है।
भाजपा व जदयू के इस आरोप प्रत्यारोप के बीच AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का बयान भी सामने आया है।
अख्तरुल ईमान ने भाजपा और जदयू दोनों पर ही निशाना साधा और कहा कि इस वक्त बदकिस्मती है देश के लिए, क्योंकि देश में अवसरवाद की राजनीति हो रही है। अगर विचारधारा है समाजवाद की, विचारधारा है सेकुलर लोगों की और असामाजिक तत्वों के खिलाफ एकजुट होने के लिए विचारधारा है, तो एकजुट होना ही चाहिए। और एकजुट होने के लिए प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर लोग अपना स्वार्थ सिद्ध होने के लिए राजनीति करेंगे, तो पार्टी के साथ-साथ लोकतंत्र का भी नुकसान होगा।
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