बिहार में गुड़ उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने घोषणा की है कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के तहत 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही राज्य की चीनी मिलों की पेराई क्षमता भी दोगुनी होने जा रही है, जिससे गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं।
गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत राज्य में 81 गुड़ इकाइयों की स्थापना के लिए 12.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत पूंजी अनुदान के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत सहायता दी जाएगी। जैसे 5-20 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की इकाइयों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 6 लाख रुपये तक दिया जाएगा। इसी तरह अन्य श्रेणियों के लिए भी अनुदान का प्रावधान किया गया है। योजना में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों से आवेदन लिए जाएंगे।
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चीनी उत्पादन में होगा सुधार
कृष्ण नंदन पासवान ने कहा कि राज्य के गन्ना उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और इस पहल से बिहार देश के शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्यों में शामिल होने की ओर अग्रसर है। चीनी मिलों की पेराई क्षमता को लगभग दोगुना किया जा रहा है, जिससे चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में, बिहार, देश में चीनी उत्पादन में पांचवें स्थान पर है, लेकिन जल्द ही यह तीसरे स्थान पर आ जाएगा।
गन्ना किसानों के लिए कई योजनाएं
गन्ना आधारित उद्योग के विकास के लिए राज्य सरकार ने चतुर्थ कृषि रोड मैप और मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना लागू की है। गन्ना की खेती में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए गन्ना यांत्रिकरण योजना के तहत किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना के कार्यान्वयन से गन्ना की खेती की लागत में कमी आएगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए केन केयर सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2024 से होगी। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
बिहार में गन्ना उद्योग को लेकर राज्य सरकार के ये प्रयास निश्चित रूप से किसानों और उद्यमियों के लिए लाभकारी साबित होंगे, साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगे।
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