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बालू घाट में स्वीकृत सीमा से ज़्यादा खनन ने छीन लीं तीन जिंदगियाँ?

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बीते 23 मई को किशनगंज जिले के ठाकुरगंज-पोठिया प्रखंड सीमा पर स्थित खरखरी-भरभरी महानंदा नदी घाट में तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों में पौआखाली थाना क्षेत्र की खारुदह पंचायत अंतर्गत बारहमनी गाँव के रहने वाले 16 वर्षीय तौफीक, 18 वर्षीय इसकार आलम और 20 वर्षीय शौकत अली उर्फ़ चांद बाबू शामिल हैं।


मृतकों के परिजनों और स्थानीय ग्रामीण घटना के दिन से ही आरोप लगाते रहे हैं कि घाट में नियमों को ताख पर रख कर बालू खनन किया गया था, जिस वजह से ये हादसा हुआ है। ‘मैं मीडिया’ को मिली जानकारी के अनुसार संवेदक ने घाट पर स्वीकृत सीमा से दुगुना से भी ज़्यादा गहरा बालू खनन किया था। लेकिन, जहाँ पर ये हादसा हुआ वो जगह संवेदक को खनन के लिए दिए गए आधिकारिक सीमा से 10-15 मीटर बाहर है। तय नियमों को ताक पर रख बालू खनन की वजह से जिला प्रशासन ने संवेदक से मोटा जुर्माना भी वसूला है।

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मृतकों में से तौफीक किशनगंज शहर में मोबाइल रिपेयरिंग की दूकान में काम करता था। तौफीक के घर की हालत दयनीय है। जवान बेटे को खोने के बाद बुज़ुर्ग माँ-बाप का रो-रो कर बुरा हाल है। दोनों बेटों की कमाई से सात लोगों के परिवार का गुज़र बसर हो रहा था। तौफीक की माँ बताती हैं, बेटा खेलने गया था, इसी दौरान नदी में डूब गया।


तौफीक के घर से 200 मीटर की दूरी पर ही इसकार आलम का घर है। मदरसा से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद कम उम्र में ही इसकार घर की ज़िम्मेदारियाँ संभालने मुंबई चला गया था। वहाँ होटल में काम कर चंद पैसे घर भेजता था। अपनी बहन की शादी करवाने के अरमान से करीब दो साल के बाद गाँव आया था। लेकिन, क़िस्मत को कुछ और ही मंजूर था। घर आने के 10 दिन बाद ही हादसा हो गया। इसकार के पिता बताते हैं, बालू खनन घाट पर पहले भी होता था, लेकिन पहले इतना गहरा नहीं था। इस गहराई का अंदाज़ा गाँव वालों को नहीं था, न उस जगह पर किसी तरह का निशान डाला गया था।

इसकार के घर के सामने ही शौकत अली का घर है। हादसे से दो दिन पहले ही दिल्ली से वापस आया था। वहां जामिआ हमदर्द में दाखिला लेने की तैयारी कर रहा था। इसकार के बड़े भाई सैफ अली का आरोप है, स्वीकृत सीमा से दुगुना गहरा कर वहां खनन किया गया था। खनन के बाद भी उन्होंने वहां किसी तरह का नोटिस या निशान नहीं लगाया।

परिजनों के आरोपों को लेकर ‘मैं मीडिया’ ने किशनगंज जिला खनन पदाधिकारी बीना कुमारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि बालू घाट में खनन की स्वीकृत सीमा ज़मीन से 3 मीटर यानी लगभग 10 फ़ीट तक है। लेकिन, घटना के बाद महानंदा बालू घाट के निरीक्षण पर वहां 20-30 फ़ीट का गड्ढा मिला। इन चीज़ें को नापने के बाद एक्सेस माइनिंग करवाने वालों के घाट बंद करवा कर उनपर भारी जुर्माना लगाया गया है।

आगे उन्होंने बताया कि, भविष्य में इस तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से बालू घाट पर कई एहतियाती क़दम भी उठाए गए हैं।

‘मैं मीडिया’ को मिली जानकारी के अनुसार तीनों मृतक के परिवार को चार-चार लाख रुपए का चेक पोठिया अंचल अधिकारी के तरफ से दिया गया है। साथ ही महानंदा बालू घाट में खनन करने वाले संवेदक से 6.5 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है।


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