सोमवार तड़के मंदिर में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट गई थी, तभी भगदड़ मच गई, जिसमें 8 लोगों की मृत्यु की खबर है वहीं, तीन दर्जन लोग घायल हो गये हैं। मृतकों में अधिकतर महिलाएं हैं।
मद्य निषेध व उत्पाद विभाग ने जब्त वाहन पर 8 लाख रुपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया क्योंकि वाहन का 17 लाख रुपये का बीमा हुआ था। वाहन मालिक अनिल यादव, जो सीतामढ़ी जिले के रहने वाले हैं, ने साल 2022 में ही पहली बार कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर हस्तक्षेप की अपील की थी, तो कोर्ट ने प्रशासन को जुर्माना लेकर वाहन छोड़ने का आदेश दिया था।
बारसोई गोलीकांड में मरने वाले मो. ख़ुर्शीद के भाई ख़ालिद भी बताते हैं कि एक साल गुज़रने के बाद भी उनलोगों को मुआवज़ा नहीं मिल पाया है। मृतकों के परिजन जनप्रतिनिधि के नामों की लिस्ट गिनाते हुए कहते हैं कि नेताओं ने मुआवज़े का आश्वासन दिया था, लेकिन, कोई मुआवज़ा नहीं दिला पाया।
कोर्ट के रिकॉर्ड बताते हैं कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में कुल 11 याचिकाएं डाली गई थीं। इन याचिकाकर्ताओं में वकील, आरक्षण विरोधी संगठन यूथ फॉर इक्वालिटी और कुछ स्वतंत्र लोग शामिल हैं, जो सवर्ण जातियों से जुड़े संगठन चलाते हैं। दिलचस्प है कि इनमें से कई याचिकाएं तो काफी बाद में डाली गई, जब सुनवाई चल रही थी।
हर्ष पर हमला तब किया गया, जब वह परीक्षा देकर बाइक पर चढ़ रहा था। हमले की जानकारी हर्ष के पिता व पेशे से पत्रकार अजीत कुमार को कॉलेज की ही एक छात्रा ने हर्ष के फोन से दी। अजीत कुमार ने कहा कि वह छात्र रहते हुए छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता था। उन्होंने बताया कि वह परीक्षा हॉल से निकल कर बाइक पर चढ़ ही रहा था कि नकाबपोश लोगों ने उस पर हमला कर दिया।
जिन स्कूलों में नये बेंच-डेस्क मिले हैं, वहां पर डेस्क का पटरा जिसकी मोटाई 25 एमएम (1 इंच) होनी चाहिये, उसकी मोटाई 15 एमएम के आसपास है। बेंच और डेस्क दोनों एक साथ लोहे के फ्रेम से जुड़े होने चाहिये, ताकि दोनों को मज़बूती मिलती रहे। लेकिन, ऐसा नहीं पाया गया।
एनआईए द्वारा गिरफ्तार पीएफआई कार्यकर्ता का नाम अब्दुल सलीम है। वह तेलंगाना के निजामाबद में एक मामले में आरोपी था। समाचार पत्र की मानें तो एनआईए ने उसके ऊपर दो लाख रुपये का इनाम भी रखा हुआ था। उसी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी से संबंधित खबर पर ‘स्वदेश’ समाचार पत्र ने एमआईएम नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी की तस्वीर लगा दी।
'मैं मीडिया' ने दंगे से प्रभावित आधा दर्जन लोगों से बातचीत की। बातचीत में सभी लोगों ने कहा कि काफी दौड़-भाग करने के बावजूद जिला प्रशासन में मुआवजे को लेकर संजीदगी नहीं दिखी और मुआवजे के रूप में जितनी रकम की पेशकश की गई, वे उनके लिए भद्दा मजाक से अधिक नहीं।
अपहरण की शिकायत के महीनों बीत जाने के बाद भी कोई ठोस सुराग नहीं मिलने के बाद विपिन किशोर मिश्रा के परिजनों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पटना हाईकोर्ट ने शुरुआती सुनवाइयों में पुलिस से केस डायरी व अन्य सामग्रियां मांगी। पुलिस से संतुष्ट होकर कोर्ट ने इसी महीने इस मामले में अररिया के एसपी को कोर्ट में हाजिर होने का फरमान सुनाया।
बिहार सरकार ने पिछले साल एक अक्टूबर को बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सचिव के पद पर संविदा पर विनोद कुमार की नियुक्ति की थी। इससे पहले वह विधान परिषद में ही निदेशक-सह-कार्यकारी सचिव थे और पिछले ही साल सितंबर में इस पद से रिटायर हुए थे।
राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बीते सप्ताह कहा कि भूमि के सर्वेक्षण के दौरान अंचलाधिकारी की लापरवाही से या ठीक ढ़ंग से सरकार का पक्ष नहीं रखने के कारण सरकारी जमीन को रैयत के नाम किया गया, तो संबंधित अंचलाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
सूचना का अधिकार कानून, जिसे संक्षेप में आरटीआई भी कहते हैं, आगामी 12 अक्टूबर को अपने अस्तित्व के 18 बसंत पूरे करने वाला है। बिहार राज्य सूचना आयोग और तमाम लोक सूचना प्राधिकार उम्र के इसी दहलीज पर हैं।