Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे: बिहार इंटर टॉपर मोहद्देसा

पूर्णिया ज़िले के अमौर प्रखंड अन्तर्गत डहुआबाड़ी गाँव की रहने वाली मोहद्देसा के पिता शिक्षक हैं। घर की बड़ी बेटी होने के नाते उसने पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के साथ सेल्फ स्टडी कर यह सफलता हासिल की है।

Ariba Khan Reported By Ariba Khan |
Published On :

बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड (बीएसईबी) ने इंटर का रिजल्ट कुछ दिनों पहले जारी किया है। इस बार कला संकाय में सीमांचल की बेटी मोहद्देसा टॉपर बनी है।

पूर्णिया के बायसी उच्च विद्यालय की छात्रा मोहद्देसा 500 अंकों की परीक्षा में 475 अंक लाकर बिहार टॉपर हुई हैं।

पूर्णिया ज़िले के अमौर प्रखंड अन्तर्गत डहुआबाड़ी गाँव की रहने वाली मोहद्देसा के पिता शिक्षक हैं। घर की बड़ी बेटी होने के नाते उसने पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के साथ सेल्फ स्टडी कर यह सफलता हासिल की है।


हमारे समाज में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पढ़ाई में अच्छा होने पर बच्चे आर्ट्स संकाय का चुनाव नहीं करते हैं। इस पर मोहद्देसा कहती है, “मुझे हमेशा से ही IAS ऑफिसर बनना था। इसी कारण मैंने आर्ट्स का सिलेक्शन किया था। मेरे आगे के कैरियर के हिसाब से मुझे आर्ट्स संकाय ही सबसे बेहतर लगा। अब ग्रेजुएशन के लिए मैं या तो ज्योग्राफी पढ़ना चाहती हूं या फिर उर्दू।”

उसे बिहार बोर्ड का टॉपर होने की उम्मीद थी या नहीं, इसका जवाब देते हुए वह कहती है, “मेरी लगन और मेहनत कुछ इस तरह से थी कि मुझे इतना अंदाजा था, मेरी कोई रैंक जरूर आएगी, लेकिन मैं बिहार टॉपर बन जाऊंगी इसकी उम्मीद नहीं थी। लेकिन जब मुझे एग्जाम्स के बाद इंटरव्यू के लिए पटना बुलाया गया, तो लग गया था कि शायद मैं टॉप तीन में आने वाली हूं।”

मोहद्देसा उस इंटरव्यू के बारे में बताती है कि उसे रिजल्ट आने से पहले इंटरव्यू के लिए पटना पहुंचने को कहा गया था। पटना में उसका लगभग दो घंटे तक इंटरव्यू चला, जिसमें सिलेबस के साथ-साथ कुछ बाहर के सवाल भी थे। वह आगे बताती है कि उसने सभी सवालों के जवाब बहुत अच्छे से दिए थे और इंटरव्यू पैनल में बैठे सभी लोग उससे काफी प्रभावित थे।

मोहद्देसा ने बताया, “इंटरव्यू अच्छा जाने के बाद ही मुझे अंदाजा हो गया था कि मेरा पहला, दूसरा या तीसरा रैंक तो आने वाला है।”

Also Read Story

मिलिए BPSC इंजीनियरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के टॉपर ज़ोहेब हसन से

किशनगंज के अज़हर इक़बाल बने Shark Tank India के नए जज

कुल्हैया मुस्लिम समाज की महिला पहली बार बनीं सब इंस्पेक्टर

पिता का सपना, बेटी का संकल्प: BPSC परीक्षा में सफल होने वाली पहली मुस्लिम सुरजापुरी महिला

अपने आईएएस ऑफिसर बनने के सपने के बारे में वह कहती है, “मैं बचपन से देख रही हूं कि आईएएस ऑफिसर की कितनी ज्यादा वैल्यू और जबरदस्त पर्सनालिटी होती है। उसी से मैं इंप्रेस थी। मुझे वैसा ही बनने का जुनून था। लेकिन अब मेरे अंदर इसके अलावा भी एक जुनून है और वो है बदलाव लाना। मुझे लगता है कि समाज के अंदर फैली हुई बुराइयों को खत्म करने की क्षमता मुझमें है। समाज में जितनी भी कमियां हैं, मैं उनको पूरा करना चाहती हूं और उसके लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।”

मोहद्देसा का मानना है, “मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे।”

वह अपने जूनियर्स को सलाह देती हैं कि इतनी खामोशी से मेहनत करिए कि किसी को पता ना चले कि आप मेहनत कर रहे हैं। जब आप कामयाब हों, तो आपकी कामयाबी बताए कि आपने कितनी मेहनत की थी।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अरीबा खान जामिया मिलिया इस्लामिया में एम ए डेवलपमेंट कम्युनिकेशन की छात्रा हैं। 2021 में NFI fellow रही हैं। ‘मैं मीडिया’ से बतौर एंकर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट जुड़ी हैं। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर खबरें लिखती हैं।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?