अब तक तो आपने सुना होगा कि फ्रॉड करने वालों ने आम लोगों के बैंक खाते में सेंधमारी कर लाखों रुपए उड़ा लिये, लेकिन, क्या कभी आपने सुना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी बैंक खातों में सीधे सेंधमारी कर पैसा काट सकता है! दरअसल, सीमांचल के दर्जनों पेंशनधारियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है।
26 अगस्त को जन्माष्टमी की छुट्टी के दिन दर्जनों पेंशनधारियों के बैंक अकाउंट से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा मोटी रकम काट ली गयी, जिसके चलते लोग परेशान होकर बैंक का चक्कर लगा रहे हैं।
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दरअसल, 26 अगस्त को पेंशनधारियों के मोबाइल पर मोटी रकम कटने का मैसेज मिला। मैसेज देखकर लोगों ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया तो पता चला कि वाक़ई पैसा कट चुका था, जिससे उन लोगों की नींद उड़ गई।
किशनगंज के 71 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक बशीरूल हसन के मोबाइल पर भी 26 अगस्त को एक मैसेज प्राप्त हुआ। मैसेज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से आया था, जिसमें बताया गया कि उनके बैंक खाते से 62,642 रुपये ट्रांसफर हुआ है। मैसेज देखकर बशीरूल हसन परेशान हो गये, क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया था।
अगले दिन जब उन्होंने बैंक में जाकर पता लगाया तो उनको बताया गया कि उनका पैन, कार्ड आधार कार्ड के साथ लिंक नहीं है, जिस कारण आयकर विभाग ने उनके बैंक खाते से यह रक़म काट ली है। मगर, इस जवाब से वह संतुष्ट नहीं हुए।
बशीरूल हसन ने कहा कि उन्होंने आधार कार्ड और पैन कार्ड दोनों दस्तावेज़ पहले ही बैंक को दिया हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी हाल ही में स्टेट बैंक से उन्होंने छह लाख रुपये ऋण लिया था और उस वक्त भी सारा दस्तावेज़ बैंक को उपलब्ध करवाया था और हर वर्ष लाइफ प्रमाणपत्र भी उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि एक पेंशनधारी को लगभग 40 हजार रुपये जीवनयापन के लिए हर माह मिलता है और उस राशि में से बगैर सूचना दिए इतनी बड़ी राशि काट लेना अपराध की श्रेणी में आना चाहिये।
बशीरूल हसन अकेले नहीं हैं, जिनके बैंक खाते से आयकर विभाग ने इतनी बड़ी राशि की कटौती की है।
पूर्णिया में भी दर्जनों लोगों के पैसे कटे
इस तरह की घटना सिर्फ़ किशनगंज में नहीं हुई है, बल्कि पड़ोसी ज़िले पूर्णिया और अररिया में भी पेंशनधारियों के खाते से पैसे काटे गये हैं। मंगलवार (26 अगस्त) को पूर्णिया के कला भवन रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भी दर्जनों लोग इसी तरह की शिकायत लेकर पहुंचे, जिसमें ज़्यादातर पेंशनधारी थे।
किसी पेंशनधारी के खाते से 78 हज़ार, किसी के खाते से 64 हज़ार तो किसी के खाते से 1 लाख 36 हज़ार रुपये काट लिये गये थे।
जब उन लोगों ने पासबुक अपडेट किया तो ट्रांजैक्शन के डिटेल में लिखा मिला, “वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये इनऑपरेटिव पैन टीडीएस डिडक्शन”। किसी भी पेंशनधारी को कुछ समझ में नहीं आया, क्योंकि, इस तरह की कटौती उनके खाते से पहली बार हुई थी।
एक-एक कर पेंशनधारी मैनेजर के कक्ष में गये और इस कटौती का कारण जानना चाहा। पेंशनधारियों को बताया गया कि उनके पैन कार्ड से आधार कार्ड लिंक नहीं होने के कारण यह कटौती की गई है। अगर उन्होंने समय रहते पैन कार्ड से आधार को लिंक कर दिया होता तो यह कटौती नहीं होती।
हालांकि, पेंशनधारियों की नाराज़गी इस बात पर थी कि आयकर विभाग ने बिना किसी सूचना या चेतावनी के यह कटौती की है। उन्होंने कहा कि अगर सूचना उनको पहले मिल जाती तो वे लोग अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक करवा लेते और इस कटौती से बच जाते।
एक रिटायर्ड शिक्षक, जिनके खाते से पैसे काटी गई थी, ने कहा कि उन्होंने किसी ज़रूरी काम की नीयत से खाते में पैसे रखे थे, लेकिन, आयकर विभाग ने पैसा काट लिया, जिस वजह से अब काम नहीं हो पायेगा।
आयकर विभाग ने दी थी चेतावनी
इस संबंध में काफ़ी खोजने के बाद हमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट मिला, जिसमें कहा गया था कि करदाता 31 मई 2024 से पहले अपना पैन कार्ड, आधार से लिंक करवा लें, वरना उच्च दरों पर टैक्स काटा जायेगा।
पोस्ट में लिखा था, “टैक्सपेयर्स ध्यान दें। अगर आपने अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है तो उच्च दरों पर टैक्स कटौती से बचने के लिए कृप्या 31 मई 2024 से पहले लिंक करवा लें।”
ट्वीट में करदाताओं को सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स द्वारा इस संबंध में जारी सर्कुलर को पढ़ने की अपील भी की गई थी। इस सर्कुलर में स्पष्ट किया गया था कि जो भी करदाता पैन कार्ड को आधार संख्या से लिंक करने में विफल रहेगा, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 एएए और नियम 114 एएए के अनुसार, उनके पैन के निष्क्रिय होने के परिणामस्वरूप उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
अधिनियम के प्रावधानों के तहत देय कर की किसी भी राशि या उसके हिस्से की वापसी उसे नहीं की जाएगी। नियम 114 एएए के उप-नियम (4) के तहत निर्धारित तिथि से शुरू होने वाली और उस तिथि को समाप्त होने वाली अवधि के लिए ऐसे रिफंड पर उसे ब्याज देय नहीं होगा।
ऐसे व्यक्ति के मामले में जहां नियम XVII-बी के तहत कर कटौती योग्य है, ऐसे कर को धारा 206 एए के प्रावधानों के अनुसार उच्च दर पर काटा जाएगा। साथ ही ऐसे व्यक्ति के मामले में जहां अध्याय XVII-BB के तहत स्रोत पर कर एकत्र करना है, ऐसे कर को धारा 206 CC के प्रावधानों के अनुसार उच्च दर पर एकत्र किया जाएगा।
क्या कहते हैं टैक्स के जानकार
पेशे से चार्टड अकाउंटेंट सतीश अग्रवाल ने इस संबंध में बताया कि पिछले दो दिनों से लोग बैंक अकाउंट से पैसे कटने की परेशानी को लेकर उनके पास आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्ट्या तो लग रहा है कि जिन लोगों का पैन कार्ड से आधार कार्ड लिंक नहीं है, वैसे लोगों का पैन डिएक्टिवेट हो गया है, जिस वजह से यह कटौती की गई है।
उन्होंने कहा कि डिएक्टिवेटेड पैन कार्ड के लिए सरकार के टीडीएस का नियम काफी सख्त है। उन्होंने आगे कहा कि जिनका पैसा आयकर विभाग द्वारा काटा गया है, उन्हें सबसे पहले अपने आधार से पैन को लिंक करना होगा, फिर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। उसके बाद टीडीएस के लिए दावा करेंगे, जिसके बाद ही कटी हुई राशि वापस आ सकती है।
लेकिन, सवाल यह है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये इनकम टैक्स रिटर्न दाख़िल करने की आख़िरी तारीख़ 31 जुलाई 2024 निर्धारित थी। ऐसे में जिन खाताधारियों के खाते से पैसे कटा है, वो अब कैसे इनकम टैक्स रिटर्न दाख़िल करेंगे? अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्या उनकी मेहनत की कमाई पानी में चली जायेगी?
मामले को लेकर जब हमने किशनगंज स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक राजीव रंजन से बात करने की कोशिश की तो वह कैमरे पर बोलने के लिये तैयार नहीं हुए। बगैर कैमरे पर उन्होंने बताया कि ये राशि आयकर विभाग द्वारा काटी गयी है।
उन्होंने आगे बताया कि ये रक़म वैसे पेंशनधारियों के अकाउंट से काटी गई है, जिन्होंने अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करवाया है, पैन को आधार से लिंक नहीं करवाने पर आगे भी राशि कटती रहेगी।
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