Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

इमारत ए शरिया ने कहा, महागठबंधन की सेक्युलर पार्टियां मुसलमानों का नाम लेने को भी नहीं तैयार

सीमांचल में एक समारोह के दौरान इमारत ए शरिया बिहार, झारखंड और ओडिशा के नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी क़ासमी ने महागठबंधन सरकार को आड़े हाथों लिया।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

सीमांचल में एक समारोह के दौरान इमारत ए शरिया बिहार, झारखंड और ओडिशा के नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी क़ासमी ने महागठबंधन सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अपनी तक़रीर के दौरान कहा कि बिहार की मौजूदा सरकार में जो पार्टियां खुद को सेकुलर बताती हैं, आज मुसलामानों का नाम भी लेना गवारा नहीं करती।

उन्होंने कहा, “आज हमारा (मुसलामानों का) वजूद हवा होकर रह गया है। समाज का कोई तबका हमारी ज़रूरत महसूस नहीं कर रहा है। बीजेपी तो हमारी ज़रूरत महसूस कर ही नहीं रही है, लेकिन वे लोग जो हमारे नाम पर वोट मांगते और सत्ता तक पहुँचते थे, आज वे सेक्युलर पार्टियां भी मुसलमानों का नाम लेने को भी तैयार नहीं हैं, क्योंकि फलां का वोट नहीं मिलेगा। यानी फलां का वोट लेने के लिए हमारा नाम भी लेना गवारा नहीं है। और हमारे वोट फिर भी चाहिए जैसे कि हम बंधुआ मज़दूर हैं इनके।”

मौलाना शमशाद रहमानी ने आगे कहा, “जो लोग बिहार के सत्ता पर काबिज़ हैं और सेक्युलर कहलाने वाले हैं, आप उनका भी जायज़ा लीजिए और देखिए कि वो कैसे बड़े हौसले और बड़ी बेबाकी से या मेरी ज़बान में कहिये बड़ी बेहयाई के साथ बैठे हैं, जैसे अल्पसंख्यकों की उनको कोई ज़रूरत ही नहीं है।”


राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में छह सौ से अधिक मदरसा के शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है और अलग अलग तरीके से मदरसा को खत्म करने की साजिश की जा रही है। इसका सीधा असर ग्रामीण इलाकों के गरीब मुसलमानों के बच्चों पर पड़ रहा है।

नायब अमीर ए शरीयत ने कहा, “मदरसों के साथ हुकूमत खिलवाड़ कर रही है, क्योंकि हुकूमत की नियत मदरसों के लेकर साफ़ नहीं है। जब नोटिफिकेशन 394, 395, 396 आया था, तब हम लोग वज़ीर-ए-आला (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार से मिले थे और उन्होंने इसे तब्दील कराने का यक़ीन दिलाया था, लेकिन उसके बावजूद कुछ नहीं हो सका। पहले लगता था कि नीतीश जी बीजेपी के साथ हैं, इसलिए समस्याएं हैं उनके लिए। लेकिन, आज आरजेडी जो सेक्युलर होने का दम भरने वाली पार्टी है, उसके साथ भी मिलकर मुसलमानों का कुछ अच्छा तो क्या होता और बुरा होता चला जा रहा है।”

इमारत ए शरिया के नायब अमीर ने आगे कहा कि आज बिहार में किसी भी बड़े संगठन के लोगों से सरकार में बैठे महागठबंधन दल के लोग मिलना भी मुनासिब नहीं समझते हैं।

मौलाना शमशाद रहमानी कहते हैं, “मदरसों पर रोक लगाने से ग़रीब बच्चों के पढ़ाई लिखाई ख़त्म हो जाएगी और उन्हें खाना पीना जो मिल रहा था, वो भी खत्म हो जाएगा। ये ग़रीब बच्चे स्कूल की फीस देने के काबिल नहीं हैं। जिस तरह से असम में हुआ, कहीं दबे लफ़्ज़ों में ये लोग यहाँ भी वही तो नहीं करना चाह रहे हैं।”

Also Read Story

अररिया: मिर्च से लदे ट्रक में लगी भीषण आग, बाल बाल बचा ड्राइवर

चिराग पासवान ने बहनोई अरुण भारती को जमुई सीट से उतारा, दिया चुनावी सिंबल

कांग्रेस में शामिल होने के बाद हटी पप्पू यादव की वाई सिक्योरिटी?

कांग्रेस जरूरत से ज्यादा सीट चाह रही है: बिहार में सीट शेयरिंग पर बोले राजद नेता शिवानंद तिवारी

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

भाजपा ने जारी की बिहार के सभी उम्मीदवारों की सूची, प्रदीप सिंह फिर अररिया से लड़ेंगे चुनाव

पूर्णिया लोकसभा सीट से लड़ेंगे, नहीं तो कहीं से नहीं लड़ेंगे: पप्पू यादव

लोकसभा चुनाव: बिहार में JD(U) के सभी 16 प्रत्याशियों की हुई घोषणा

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

इमारत ए शरिया के नायब अमीर अररिया के मदरसा अल जमीयतुल फरुकिया में एक मस्जिद के उद्घाटन समारोह में मौजूद थे। उन्होंने मदरसा वेतन मामले में कहा कि जिन मदरसों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, जल्द से जल्द उसे रिलीज करवाया जाए ताकि फिर से ये मदरसा अपनी जगह पर कायम हो सके।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

“हर ओछी बात का जवाब, जनता की अदालत में दूंगी” – सम्राट चौधरी की टिप्पणी पर रोहिणी आचार्य का जवाब

“जो पप्पू यादव के साथ नहीं रह सकता वो अपनी बीवी के साथ भी नहीं रह सकता”, जाप कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर पप्पू यादव का बयान

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

किशनगंज: पुलिस ने मवेशी तस्करों के गिरोह को पकड़ा, 8 वाहन समेत 22 गिरफ्तार

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बेगूसराय से कन्हैया कुमार का पत्ता कटा, INDIA गठबंधन से CPI ने अवधेश कुमार राय को बनाया प्रत्याशी

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?

क़र्ज़, जुआ या गरीबी: कटिहार में एक पिता ने अपने तीनों बच्चों को क्यों जला कर मार डाला

त्रिपुरा से सिलीगुड़ी आये शेर ‘अकबर’ और शेरनी ‘सीता’ की ‘जोड़ी’ पर विवाद, हाईकोर्ट पहुंचा विश्व हिंदू परिषद