अररिया के फारबिसगंज में पूर्व सांसद आनंद मोहन ने एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि वह निर्दोष हैं, इसलिए जेल से रिहा हुए हैं।
जेल से छूटने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने किसी जनसभा को संबोधित किया। उन्हें फारबिसगंज में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा के अनावरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
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प्रतिमा अनावरण के बाद आनंद मोहन ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें कानून पर विश्वास है और वह निर्दोष हैं इसलिए रिहा हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह देश किसी के बाप का नहीं है। सबों के खून से सींचा गया चमन भारत है। हिंदुस्तान सभी जाति और धर्मों से मिलकर बना है। यहां के लोगों को संविधान पर पूर्ण विश्वास है।” आगे उन्होंने कहा कि सरकार अगर उन्हें दोषी समझती हैं, तो फांसी पर चढ़ा दे।
आनंद मोहन ने कहा, “अगर मेरे बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि मैं क्या चीज़ हूं। मैं हमेशा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति हूं।”
कार्यक्रम में उनके साथ उनकी पत्नी लवली आनंद भी मौजूद थीं।
आनंद मोहन ने कहा, “लवली आनंद ने संसद में चिल्ला कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और कहा था कि अगर मेरे पति दोषी हैं, तो फांसी दे दीजिए।”
वहीं, लवली आनंद ने कहा कि उन्होंने 15 साल उनके (आनंद मोहन) बिना गुजारा है। “किस भय के माहौल में हमारे बच्चे जिए हैं इसको बताना मुश्किल है,” उन्होंने कहा।
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