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मुहर्रम की तैयारी को लेकर सैकड़ों की संख्या में तलवार-भाला लेकर सड़क पर उतरे लोग, FIR दर्ज

जानकारी के मुताबिक इसी महीने की आखिर में पड़ने वाले मुहर्रम के त्यौहार की तैयारियों को लेकर ही ये जुलूस निकाला गया था। हालांकि प्रशासन से इसकी कोई परमिशन नहीं ली गई थी। बिहार में lockdown चल रहा है ऐसे में ये सीधे तौर पर महामारी एक्ट के उल्लंघन का मामला बनता है। फिर भी स्थानीय पुलिस को FIR करने के लिए SDPO के आदेश का इंतज़ार करना पड़ा।

Utkarsh Kumar Singh Reported By Utkarsh Kumar Singh |
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बिहार में 16 अगस्त तक lockdwon है लेकिन इस बीच रोहतास जिले से आई तस्वीरें होश फाख्ता करने वाली हैं। सासाराम के चेनारी थाना अंतर्गत नवाब मोहल्ले की इन तस्वीरों में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग हाथों में तलवारें और लाठी डंडे लिए हुए नज़र आ रहे हैं। तस्वीरें शुक्रवार शाम की हैं जब मुहर्रम की तैयारी को लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और lockdown की धज्जियां उड़ाते हुए जश्न मनाया।


जानकारी के मुताबिक ये मामला चेनारी थाना से थोड़ी ही दूर का है लेकिन हैरानी है कि इतनी बड़ी तादाद में लोग हाथों में तलवार और भाले लेकर सड़क पर उतर आए और थाने को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष ने जुलूस निकाल रहे लोगों को ऐसा करने से मना किया और उन्हें वापस जाने को कहा। लेकिन ये पुलिस की घोर लापरवाही ही है कि ऐसे मामले में भी स्थानीय थाने ने स्वतः संज्ञान नहीं लिया। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद जब बड़े अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो आनन-फानन में SDPO के कहने पर इस मामले में स्थानीय थाने ने FIR दर्ज की।

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जानकारी के मुताबिक इसी महीने की आखिर में पड़ने वाले मुहर्रम के त्यौहार की तैयारियों को लेकर ही ये जुलूस निकाला गया था। हालांकि प्रशासन से इसकी कोई परमिशन नहीं ली गई थी। बिहार में lockdown चल रहा है ऐसे में ये सीधे तौर पर महामारी एक्ट के उल्लंघन का मामला बनता है। फिर भी स्थानीय पुलिस को FIR करने के लिए SDPO के आदेश का इंतज़ार करना पड़ा। फिलहाल इस मामले में 10 नामजद और करीब सवा सौ अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।


स्थानीय निवासी संजय कुमार ने बताया कि रात के करीब 10 बजे लोगों ने जुलूस निकाला। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे। उन्होंने इसकी जानकारी DM, SP, DGP और DIG को दे दी थी। लेकिन कार्रवाई करने में देरी की गई।

सवाल उठना लाज़िमी है कि आखिर लॉक डाउन में इतना बड़ा जुलूस कैसे निकाला गया और जब स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

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